कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 21 दिनों के देशव्यापी बंद शुरू होने के चंद घंटों बाद ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दर्जनों अधिकारियों के साथ अयोध्या में रामलला की मूर्ति को एक अस्थायी मंदिर में रखने के कार्यक्रम में पहुंचे थे, जिस कारण विपक्ष ने उन पर निशाना साधा है.
अयोध्या/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बुधवार सुबह रामलला की मूर्ति एक अस्थायी स्थान पर स्थानांतरित कर दी गयी.
मुख्यमंत्री के यहां पहुंचने पर विपक्ष ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू नियमों के उल्लंघन पर उनकी आलोचना की है.
मूर्ति को स्थानांतरित करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान सोमवार को ही शुरू हो गया था. बुधवार तड़के तक यह अनुष्ठान चला. इस दौरान आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के कुछ नेता भी मौजूद थे.
विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि आयोजन में हिस्सा लेकर उन्होंने अच्छा उदाहरण पेश नहीं किया.
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा, ‘योगी लोगों को मंदिर और मस्जिद नहीं जाने के लिए कह रहे हैं और कोरोना वायरस के मद्देनजर यह बिल्कुल सही भी है. लेकिन मुख्यमंत्री खुद अपने बयान के उलट काम कर रहे हैं.’
कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 24 मार्च की आधी रात से देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. इस दौरान किसी को भी बाहर नहीं निकलने और घरों में ही रहने की हिदायत दी गई है.
इस अवधि के लिए जारी निर्देशों में यह भी कहा गया था कि इस समयावधि में सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आदित्यनाथ ने खुद कहा है कि लोगों को मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा नहीं जाना चाहिए और अपने घरों पर ही रहना चाहिए .
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लेकिन मुख्यमंत्री खुद अपने बयान के उलट जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि आदित्यानाथ घर पर ही पूजा कर उदाहरण कायम करते .
मीडिया में आई इस अनुष्ठान की तस्वीरों में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के साथ कई अधिकारी दिख रहे हैं, साथ ही पूजा करने के स्थान पर भी कई लोग बैठे नजर आ रहे हैं.
इससे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री जी प्रधानमंत्री की बात नहीं मानते, भीड़ के साथ दर्शन कर रहे हैं तो ऐसे में कैसे प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री जी की बात मानें?
नवरात्रि का पहला दिन हैं,मां के दरबार में दर्शन के लिए जाना मेरी भी हार्दिक इच्छा हैं लेकिन मैंने प्रधानमंत्री जी की बात मानी।
उप्र के मुख्यमंत्री जी नहीं मानते,भीड़ के साथ दर्शन कर रहे हैं तो ऐसे में कैसे उप्र की जनता प्रधानमंत्री जी की बात मानें?#CoronaPandemic pic.twitter.com/ARaWDSfKwn
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) March 25, 2020
आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सभजीत सिंह ने कहा कि जिम्मेदार लोग जो अपील कर रहे हैं, खुद उसका पालन नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आयोजन में अगर सभी सावधानियां बरती गयीं होंगी तो भी वहां कुछ लोग तो रहे ही होंगे.
सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान वहां बड़ी संख्या में अधिकारी भी मौजूद रहे होंगे. बेहतर होता यदि योगी इस कार्यक्रम को स्थगित कर देते.’
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन के चलते स्थानीय प्रशासन ने लोगों को इस अवसर पर इकट्ठा होने की अनुमति प्रदान नहीं की थी.
मूर्ति को रखे जाने के बाद मुख्यमंत्री ने राम मंदिर के ट्रस्ट सचिव चंपत राय की मौजूदगी में विशेष पूजा अर्चना की. आदित्यनाथ ने निजी हैसियत से राम मंदिर के निर्माण के लिए 11 लाख रुपये दान भी दिये .
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)