पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों ने एक पत्र में कहा है कि सभी तरह के आवश्यक मेडिकल किट और मास्क के बिना हम ड्यूटी पर हैं. हमारे कई डॉक्टरों में वायरस के लक्षण है, लेकिन यहां कोई सुन ही नहीं रहा है.
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पटनाः बिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) के 83 जूनियर डॉक्टरों ने कोरोना वायरस से खुद के संक्रमित होने को लेकर चिंता जताई है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस से खुद के संक्रमित होने के डर की वजह से इन डॉक्टरों ने अस्पताल के अधीक्षक को पत्र लिखकर खुद को 15 दिनों के लिए क्वारंटाइन करने की अपील की है.
मालूम हो कि कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए एनएमसीएच को बिहार का पहला विशेष अस्पताल बनाने का ऐलान किया जा चुका है.
The junior doctors at NMCH hospital, have expressed their serious reservation over the lack of Personal Protective Equipment(PPE), N-95 masks, gloves and protective gowns in the hospital. #Covid19India #biharhttps://t.co/7RpqHGHde6
— Surbhi Kumar (@SurbhiKr) March 26, 2020
एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल के अधीक्षक को लिखे पत्र को राज्य के मुख्य स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार को भी भेजा है.
इन जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल में निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई), एन-95 मास्क, दस्तानों और सुरक्षात्मक गाउन की कमी को लेकर चिंता जताई है.
एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि रंजन कुमार रमन ने कहा, ‘सभी तरह के आवश्यक मेडिकल किट और मास्क के बिना हम ड्यूटी पर हैं, जिस वजह से वायरस से हमारे संक्रमित होने की प्रबल आशंका है. हमारे में से कई डॉक्टरों में वायरस के लक्षण है लेकिन यहां कोई सुन ही नहीं रहा.’
उन्होंने कहा, ‘अस्पताल में पीपीई किट, एन-95 मास्क और अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक गियर की भारी कमी है. हम इन उपकरणों के मिलने का इंतजार कर रहे हैं तब तक हम इलाज कर रहे हैं और खुद के मरने का इंतजार कर रहे हैं. हमारे स्वास्थ्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले को हैंडल कर रहे हैं.’
मालूम हो कि 23 मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टरों और पराचिकित्सकों के एक महीने के वेतन के बराबर सहायता राशि का ऐलान किया था.
इन जूनियर डॉक्टरों ने इस राशि का इस्तेमाल कर उन्हें पीपीई किट और एन-95 मास्क मुहैया कराने को लेकर भी पत्र लिखा है.
देश के यूनाइटेड रेजिडेंट्स एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की दशा की ओर ध्यान दिलाया था.
इससे पहले बिहार के मुख्य स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के सभी जिलों और जिलाधिकारियों को एक विस्तृत एडवाइजरी जारी कर कोराना वायरस महामारी से निपटने के लिए बचाव टीमों को मुस्तैद रखने को कहा था.
पीपीई किट, एन-95 मास्क की भारी कमी को देखते हुए सरकार ने डॉक्टरों से एचआईवी प्रोटेक्शन किट का इस्तेमाल करने को कहा था.
इस पर डॉक्टरों ने कहा था, ‘एचआईवी प्रोटेक्शन किट में पूरी तरह से चेहरा कवर नहीं होता, इसमें आंखों को सुरक्षित रखने के लिए गोगल्स भी नहीं होते.
बता दें कि बिहार में अब तक कोरोना से 9 लोगों के संक्रमित होने की खबर है. इसके साथ ही एक ही मौत हो गई है.