60 से अधिक उम्र के केंद्रीय स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों के घर पर दवाएं पहुंचाने का आदेश

कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश में लागू लॉकडाउन के चलते ज़रूरी दवाओं की भी घर पर आपूर्ति की अनुमति दी गई है. सरकारी आदेश के अनुसार, ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, उन्हें किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं ख़रीदा जा सकेगा.

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People waiting to buy medicine during the 21-day nationwide lockdown, in Kolkata, on March 26, 2020. (Photo: Reuters)

कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश में लागू लॉकडाउन के चलते ज़रूरी दवाओं की भी घर पर आपूर्ति की अनुमति दी गई है. सरकारी आदेश के अनुसार, ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, उन्हें किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं ख़रीदा जा सकेगा.

People waiting to buy medicine during the 21-day nationwide lockdown, in Kolkata, on March 26, 2020. (Photo: Reuters)
लॉकडाउन के दौरान कोलकाता में दूरी बनाकर दवा खरीदने के लिए लाइन में लगे लोग. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः कोरोना वायरस संकट के बीच केंद्र सरकार ने 60 साल या इससे अधिक आयु के केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के लाभार्थियों को नि:शुल्क दवाइयां मुहैया कराने का आदेश दिया है.

इसके साथ ही मधुमेह या अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए भी घर पर ही दवाइयों की आपूर्ति की जाएगी ताकि उन्हें बार-बार स्वास्थ्य केंद्र नहीं आना पड़े.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि इस संबंध में अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से एक बार में तीन महीने के लिए दवाएं भेजी जाएंगी.

आदेश में कहा गया है कि इस सुविधा का लाभ उन रोगियों को मिलेगा, जिनकी उम्र 60 या इससे अधिक है. वे रोगी जो अंत प्रतिरोपण, कीमोथैरेपी जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार करा रहे हैं या फिर अनियंत्रित मधुमेह एवं हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हैं.

आदेश में कहा गया है कि चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) और अन्य केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) स्टाफ इस बात का पूरा ध्यान रखें कि इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन हो.

मंत्रालय ने एक अलग आदेश में अतिरिक्त निदेशकों से कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सुचारू रूप से लाभार्थियों को उनके घरों पर ये जरूरी दवाइयां उपलब्ध हो सकें क्योंकि हवाई अड्डों और अन्य स्थानों पर सीजीएचएस मेडिकल अधिकारियों की तैनाती की वजह से मैनपावर की कमी है.

बयान में कहा गया, ‘सभी कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द की जाएंगी. सिर्फ मेडिकल आधार पर ही जरूरतमंद कर्मचारियों को छुट्टियां दी जाएंगी, उसके लिए भी सरकारी डॉक्टर से मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होगी.’

मंत्रालय ने कहा है कि सभी सीजीएचएस लाभार्थियों को सही तरह से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम के इस्तेमाल की सलाह दी जाए ताकि जरूरी दवाएं पहुंचाने में ज्यादा समय ना लगे और ना ही भीड़ लगे.

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बीते 26 मार्च को जारी अधिसूचना में खुदरा दवा विक्रेताओं को उपभोक्ता के घर पर जरूरी दवाओं की आपूर्ति करने की अनुमति दे दी गई थी.

अधिसूचना के अनुसार, ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, वो ‘शेड्यूल एच’ के अंतर्गत आती हैं. इसका मतलब है कि ऐसी दवाओं को किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं खरीदा जा सकेगा.

इसके मुताबिक, ऐसी दवाओं की बिक्री योग्य डॉक्टर के पर्चे पर ही होगी, जिसे उपभोक्ता को भौतिक रूप से या भी ईमेल के जरिये प्रस्तुत करना होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)