केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति में 14 अप्रैल तक और सुधार होगा.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह साफ नीले आसमान में चमकता हुआ सूरज दिखा. दो दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण शनिवार को तापमान में गिरावट दर्ज की गई.
दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र में पिछले साल 18 अगस्त के बाद से प्रदूषण के कारण सूक्ष्म तत्व पीएम-10 का सबसे कम स्तर दर्ज किया गया.
दिल्ली-एनसीआर में सुबह दस बजे पीएम-10 का स्तर 32.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जो कि पिछले साल 18 अगस्त को दर्ज किए गए न्यूनतम 15.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बाद से सबसे कम है.
शहर में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 40 पर रहा, जोकि ‘अच्छा’ की श्रेणी में आता है.
PM 2.5 trend this week. Embassy area, New Delhi.
COVID-19 Lockdown and the weather are proving to be beneficial for air quality.
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— AQI India (@AQI_India) March 24, 2020
पर्यावरण और मौसम विशेषज्ञों ने वायु की गुणवत्ता में सुधार का श्रेय कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर 21 दिनों के लिए लागू लॉकडाउन, बारिश और पश्चिमी विक्षोभ के कारण जारी तेज हवाओं को दिया.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते वाहनों से होने वाले प्रदूषण और निर्माण कार्यों पर रोक के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’ और ‘संतोषजनक’ की श्रेणी में रहने की उम्मीद है. प्रदूषण के ऐसे स्थानीय स्रोतों में कमी का असर दिखाई देगा.
दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 15.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी में मार्च के दौरान 109.6 मिलीमीटर वर्षा का अब तक का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया है.
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति में 14 अप्रैल तक और सुधार होगा.
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) पिछले छह सालों के सबसे बेहतर स्तर पर पहुंच गया है. शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर के सबसे प्रदूषित माने जाने वाले बाहरी दिल्ली शाहदरा इलाके में एक्यूआई 13 तक पहुंच गया, जो दिल्ली में सबसे साफ हवा की स्थिति को दिखाता है.
बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान पिछले पांच दिनों में दिल्ली सहित अन्य महानगरों के वायु प्रदूषण के स्तर में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की है. लॉकडाउन के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पर देश के 104 प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है.
वहीं, वायु गुणवत्ता पर निगरानी के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की संस्था ‘सफर’ के मुताबिक वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और पुणे में जनता कर्फ्यू के दौरान वाहन जनित प्रदूषण और विकास कार्यों से उत्पन्न धूल की मात्रा में खासी गिरावट दर्ज की गई.
सफर के आंकड़ों से स्पष्ट है कि वाहन जनित प्रदूषण में पीएम 10 के उत्सर्जन में 15 से 20 प्रतिशत और पीएम 2.5 के उत्सर्जन में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आयी.
जबकि निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों से उड़ने वाली धूल के कारण पीएम 10 के उत्सर्जन में 40 से 48 प्रतिशत और पीएम 2.5 के उत्सर्जन में 17 से 21 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.
मालूम हो कि देशव्यापी लॉकडाउन के चलते वाहन, कारखाने और कार्बन उत्सर्जन से जुड़े तमाम साधन बंद हैं. सिर्फ जरूरी सामानों की ढुलाई करने वाले वाणिज्यिक वाहनों को ही सड़क पर उतरने की इजाजत दी गयी है. इसके साथ ही पूरे देश में निर्माण कार्यों पर रोक है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)