लॉकडाउन: गंभीर मरीज़ों को कर्नाटक प्रवेश की अनुमति न मिलने से दो लोगों की मौत

कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बाद कर्नाटक ने राज्यों से जुड़ी अपनी सभी सीमाएं भी सील कर दी हैं. इसके वजह से केरल से आने वाले मरीज़ों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)

कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बाद कर्नाटक ने राज्यों से जुड़ी अपनी सभी सीमाएं भी सील कर दी हैं. इसके वजह से केरल से आने वाले मरीज़ों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)

कासरगोड: लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक पुलिस ने कथित तौर पर एम्बुलेंस को थलपडी से मंगलुरु नहीं जाने दिया जिसके कारण गंभीर रूप से बीमार दो और मरीजों की सोमवार को मौत हो गई.

पुलिस ने बताया कि कासरगोड-मंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाकेबंदी न खोले जाने से 50 वर्षीय एक पुरुष और 63 वर्षीय महिला की मौत हो गई.

केरल के कासरगोड के लोग इलाज के लिए कर्नाटक स्थित मंगलुरु में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं पर निर्भर हैं.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को मंजेश्वरम (केरल) की 63 वर्षीय आयशा को कर्नाटक की सीमा में घुसने नहीं दिया गया था, जिसके कारण रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. आयशा दिल की मरीज थीं.

दूसरे व्यक्ति की पहचान 50 वर्षीय माधव के रूप में हुई है. माधव कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के थलपडी के रहने वाले थे.

वह किडनी के मरीज थे और केरल के कुंबला के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर कर्नाटक में मंगलुरु के एक अस्पताल में रिफर कर दिया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, थलपडी में कर्नाटक पुलिस ने उनके एंबुलेंस को रोक दिया और वापस आते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई.

लॉकडाउन के चलते केरल के कासरगोड और कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले को जोड़ने वाली थलप्पडी की सीमा को कर्नाटक की अन्य सभी सीमाओं के साथ बंद कर दिया गया है.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 26 मार्च की रात को मंजेश्वर में कंजाथूर के रहने वाले 60 वर्षीय अब्दुल हमीद की मौत दिल का दौरान पड़ने के बाद हो गई. उन्हें कर्नाटक सीमा से वापस भेज दिया गया था.

इसके अगले दिन 27 मार्च को लॉकडाउन के चलते पटना की रहने वाली 25 वर्षीय गौरी देवी को एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, गौरी और उनके पति दीनानाथ मंजेश्वरम के कुंजथूर में एक लकड़ी की फैक्ट्री में कामगार हैं. गौरी के एंबुलेंस को कर्नाटक बॉर्डर से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर वापस कासरगोड जिला अस्पताल भेज दिया गया था. मोगरल पुथूर के पास उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया. मां और बच्ची इस समय कासरगोड जिला अस्पताल में भर्ती हैं.

दक्षिण कन्नड़ जिला कलेक्टर सिंधु रूपेश ने बताया कि थलप्पडी के माध्यम से लोगों के आवागमन को अवरुद्ध करने का निर्णय कर्नाटक सरकार द्वारा किया गया था और यह कि आगे की अधिसूचना तक जारी रहेगी.

उन्होंने बताया, ‘हमने थलप्पडी के माध्यम से आवश्यक सामान सेवा की अनुमति दी है. लेकिन लोगों के घुसने पर प्रतिबंध है.’

दक्षिण कन्नड़ पुलिस आयुक्त ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि जिला पूरी तरह से लॉकडाउन के लिए जा रहा है क्योंकि पड़ोसी जिले कासरगोड में कोरोनो वायरस के मामले दर्ज किए गए हैं.

द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक ने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी पड़ोसी राज्यों के साथ अपनी सीमाओं को अवरुद्ध कर दिया है. केरल और दक्षिण कन्नड़ को जोड़ने वाली लगभग 17 सड़कें हैं, जो कि अब बंद हैं.

केरल कर्नाटक सीमा पर कई कैंसर के रोगी और गर्भवती महिलाएं फंसे हुए हैं क्योंकि लॉकडाउन के की वजह से वे कर्नाटक के अस्पतालों में नहीं जा सकते.

केरल के उद्योग मंत्री ईपी जयराजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह कर्नाटक की ओर से एक गंभीर गलती थी और उन्हें इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि केरल सरकार इस मुद्दे को हल करने की पूरी कोशिश करेगी.

केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि वह केरल और कर्नाटक को जोड़ने वाली कम से कम दो सड़कों को खोलने के लिए सभी उपाय करेंगे.

कासरगोड के सांसद ने कहा है कि वे इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)