उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे परिवहन विभाग को योग दिवस में तैनात किया

योग दिवस के कार्यक्रम में 51 हज़ार लोगों को जुटाने की योजना थी, जिसके लिए पूरे परिवहन विभाग को ड्यूटी पर लगा दिया गया.

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The Prime Minister, Shri Narendra Modi participates in the mass yoga demonstration at the Ramabai Ambedkar Maidan, on the occasion of the 3rd International Day of Yoga - 2017, in Lucknow on June 21, 2017.

योग दिवस के कार्यक्रम में 51 हज़ार लोगों को जुटाने की योजना थी, जिसके लिए पूरे परिवहन विभाग को ड्यूटी पर लगा दिया गया.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi participates in the mass yoga demonstration at the Ramabai Ambedkar Maidan, on the occasion of the 3rd International Day of Yoga - 2017, in Lucknow on June 21, 2017.
तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में योग किया. (फोटो: पीआईबी)

आज 21 जून को लखनऊ में आयोजित योग शिविर में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने हज़ारों लोगों के साथ योग किया. इस योग दिवस में क़रीब 55 हज़ार लोगों को जुटाने की योजना थी जिसके लिए पूरे परिवहन विभाग को ड्यूटी पर लगा दिया गया.

इस आयोजन के लिए परिवहन विभाग की 1000 बसों को लगाया गया. इन बसों को विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर योग शिविर में पहुंचने वालों को निर्धारित स्थान तक नि:शुल्क पहुंचाना था.

परिवहन विभाग की हर 10 बसों पर एक अफसर और हर बस में एक कर्मचारी की तैनाती की गई. इस सबंध में एक सरकारी आदेश जारी किया गया जिसकी कॉपी द वायर के पास है. परिवहन विभाग को योग दिवस आयोजन में लगाने का निर्णय आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनुराग श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था जो कि 23 मई को संपन्न हुई थी.

इस आदेश में कहा गया कि लखनऊ में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया है कि 19 जून को पूर्वाभ्यास और 21 जून को मुख्य कार्यक्रम के दिन प्रतिभागियों को परिवहन हेतु उपलब्ध कराई जाने वाली प्रत्येक 10 बसों पर परिवहन विभाग के एक अधिकारी की तैनाती हो और प्रत्येक बस में परिवहन विभाग के एक सिपाही या गार्ड को तैनात किया जाए. जिससे प्रतिभागियों को लाने ले जाने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.

इस निर्णय में 110 अधिकारियों को नामित करते हुए निर्देश दिया गया कि वे 21 जून को अपने वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट करें. यह आदेश उत्तर प्रदेश के कार्यालय परिवहन आयुक्त की ओर से जारी किया गया है.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सभी विभागों को योग शिविर आयोजित करने का आदेश दिया गया था. विभिन्न विभागों के कर्मचारियों से बात करने पर पता चला कि मजबूरी में विभागों ने आयोजन तो किए लेकिन तमाम कर्मचारी ऐसे भी रहे जिनको योग करने का सरकारी आदेश पसंद नहीं आया और वे आयोजन में शामिल नहीं हुए.

इसके पहले मध्य प्रदेश में ऐसा ही मामला सामने आया था जब सरकारी आयोजन में सार्वजनिक मद का पैसा ख़र्च किया गया.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi participates in the mass yoga demonstration at the Ramabai Ambedkar Maidan, on the occasion of the 3rd International Day of Yoga - 2017, in Lucknow on June 21, 2017.
तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग करते हुए. (फोटो: पीआईबी)

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मध्य प्रदेश में सरकार की तरफ से नर्मदा यात्रा आयोजित की गई थी. 15 मई को नर्मदा यात्रा का समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राज्य सरकार ने स्वच्छता अभियान के बजट का पैसा प्रधानमंत्री की सभा के लिए भीड़ जुटाने में ख़र्च किया. अन्य मदों से भी इस आयोजन में मध्य प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपये ख़र्च किए थे.

योग पर सरकारी धन खर्च कर रही है भाजपा: मायावती

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को भाजपा सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में रोज़गार नहीं उत्पन्न हो रहा है. इसके कारण देश में रोज़गार के अवसर लगातार कम होते जा रहे हैं, परंतु संकट के ऐसे गंभीर समय में भी भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारें लापरवाह होकर केवल योग जैसे कार्यक्रमों पर सरकारी धन, संसाधन व समय ख़र्च कर रही हैं.

मायावती ने कहा कि ऐसे लोक कार्यक्रमों के लिए भाजपा सरकार को नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसी संस्थाओं को उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए. आख़िर आरएसएस को मिलने वाली अनेकों प्रकार की सरकारी सुविधाएं व छूट आदि का लाभ समाज के सही निर्माण के कार्य में करने के बजाय केवल नफ़रत के बीज बोने की इजाज़त क्यों दी जानी चाहिए.

मायावती ने कहा कि देश के करोड़ों मेहनतकश ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों व बेरोज़गारों को रोज़गार दिलाकर उनके परिवार का पेट भरने की असली ज़िम्मेदारी से सरकार भाग रही है. वह ज्वलंत समस्याओं का समाधान करने में सरकारों की शक्ति, संसाधन व समय का इस्तेमाल करने की वास्तविक संवैधानिक ज़िम्मेदारी निभाने के बजाय भाजपा की सरकारें सरकारी धन व संसाधन का इस्तेमाल पेट भरे लोगों पर कर रही हैं. इस कारण किसान वर्ग का इस ग़रीब व किसान-विरोधी नीति के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन उचित व स्वाभाविक है.