अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में बीते 25 मार्च को एक गुरुद्वारे में घुसकर की गई गोलीबारी में 27 लोगों की जान गई थी.
![Afghan Sikh inspect inside a Sikh religious complex after an attack in Kabul, Afghanistan March 25, 2020, Reuters](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2020/04/Kabul-Gurudwara-Attack-Reuters.jpg)
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पिछले महीने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुए हमले की जांच करेगी जिसमें भारतीय नागरिक सहित 27 लोगों की मौत हुई.
एजेंसी ने बुधवार को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की जो विदेश में एनआईए द्वारा जांच किया जाने वाला पहला मामला है.
एजेंसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एनआईए कानून में संशोधन के बाद यह अपने तरह का पहला मामला है.
संशोधित कानून में एनआईए को देश के बाहर किसी भी ऐसे मामलों की जांच करने के लिए सशक्त किया गया है जिसमें भारतीय या भारत का हित प्रभावित हुआ हो.
एजेंसी ने बताया कि मामला भारतीय दंड संहिता और आतंकवाद निरोधी कानून के धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च को हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रोविंस (आईएसकेपी) ने ली थी. यह संगठन आईएसआईएस है.
गौरतलब हो कि 25 मार्च को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक गुरुद्वारे में घुसकर भारी हथियारों से लैस एक आत्मघाती हमलावर ने गोलीबारी की थी.
यह हमला सुबह करीब 7.30 बजे हुआ था, जब बड़ी संख्या में लोग प्रार्थना के लिए यहां मौजूद थे. इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे.
अफगान मीडिया के अनुसार लगभग छह घंटे तक चले इस हमले को चार आतंकवादियों ने अंजाम दिया था.
अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने एक बंदूकधारी द्वारा किए गए हमले पर एक ट्वीट में कहा था कि दुर्भाग्य से इस हमले में 25 नागरिक मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए. गुरुद्वारे के अंदर फंसे 80 लोगों को सुरक्षा बलों ने बचा लिया था.
इसके बाद आई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि काबुल आतंकी हमले में शामिल चार आतंकवादियों में से एक भारतीय भी था.
बताया गया था कि 30 वर्षीय यह व्यक्ति चार साल पहले केरल के 14 अन्य युवकों के साथ इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए भाग गया था.
इस्लामिक स्टेट ने बीते शुक्रवार को अबू खालिद अल-हिंदी की एक तस्वीर प्रकाशित की, जो आत्मघाती हमलावर था. वह उसी चार सदस्यीय टीम का हिस्सा था, जिसने काबुल के गुरुद्वारे पर हमला किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)