दिल्ली पुलिस ने तबलीग़ी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस भेजा. इससे पहले मौलाना साद और अन्य के ख़िलाफ़ सरकारी आदेश का उल्लंघन करते हुए धार्मिक आयोजन कराने के लिए एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन के आदेश का उल्लंघन करने और सामाजिक दूरी बनाकर नहीं रखने के आरोप में राजधानी स्थित मजनू का टीला गुरुद्वारे की प्रबंध समिति के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंस गए कुल 225 लोग गुरुद्वारे में ठहरे हुए थे, जो पंजाब जाना चाहते थे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को लॉकडाउन के कारण गुरुद्वारे में फंसे हुए लोगों के बारे में पूरी सूचना है और उन्हें इन लोगों को निकालने के लिए कहा गया था.
पुलिस ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस भेजा
इधर, दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस जारी किया और उनके खिलाफ लॉकडाउन के आदेशों का कथित तौर पर उल्लंघन कर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
नोटिस में 26 सवाल पूछे गए हैं, जिसमें नाम, पता, संगठन का पंजीकरण विवरण, उसके पदाधिकारियों का विवरण, पिछले तीन वर्षों में मरकज द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न का विवरण, पैन नंबर, बैंक खाता संख्या और पिछले एक वर्ष के बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराना शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को साद और अन्य आरोपियों को पत्र लिखा और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत विवरण मांगा.
अधिकारियों ने संगठन को परिसर में एक धार्मिक सभा आयोजित करने के लिए पुलिस या किसी अन्य अधिकारियों से मांगी गई अनुमति की एक प्रति पेश करने के लिए भी कहा है.
इससे पहले बीते एक अप्रैल को मौलाना साद और अन्य के खिलाफ सरकारी आदेश का उल्लंघन करते हुए धार्मिक आयोजन कराने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी.
इस पूरे मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम उस ऑडियो क्लिप की भी जांच कर रही है, जिसमें कथित तौर पर मौलाना साद कोरोना वायरस से न डरने और इसे इस्लाम के खिलाफ साजिश की बात कह रहे हैं.
बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में स्थित एक मरकज में 13 मार्च से 15 मार्च तक कई सभाएं हुईं थीं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था. देशभर के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों की संख्या में भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया था.
उन सभाओं में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है. इस घटना के सामने आने के बाद देश के अन्य राज्यों में भी मरकज़ के धार्मिक सभा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है.
मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके सील कर दिया गया है, जिसमें तबलीग-ए-जमात का मुख्यालय और आवास शामिल हैं. इलाके के उन होटलों को भी सील कर दिया गया है जिनमें जमात के लोग ठहरे थे. मरकज़ से लोगों को अस्पतालों और क्वारंटाइन केंद्रों में भेज दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तबलीगी जमात के दिल्ली में हुए इस धार्मिक आयोजन की वजह से यह देश में कोरोना वायरस के सबसे बड़े केंद्र के तौर पर उभरा है.
रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों का पांचवां हिस्सा इसी सभा से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा कुल 53 लोगों की मौत में से कम से कम 15 लोग इस आयोजन से जुड़े हुए थे.
इन 15 में से नौ लोगों की मौत तेलंगाना और एक-एक व्यक्ति की मौत दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मुंबई, कश्मीर और तमिलनाडु में हुई है.
बृहस्पतिवार को दिल्ली में इस महामारी के संक्रमण के मामले दोगुने हो गए. इनमें से अधिकांश वे लोग हैं, जिन्हें 31 मार्च और एक अप्रैल को निजामुद्दीन पश्चिम स्थित तबलीगी जमात के मरकज से निकाला गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली में आए 141 नए मामलों में से 129 लोग निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए थे, जो तबलीगी जमात का मुख्यालय है और जहां पिछले महीने हुए धार्मिक आयोजन में चार हज़ार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.
दिल्ली में कुल 293 मामलों में से 182 इस आयोजन से जुड़े हुए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक पूरे देश में कोरोना वायरस 2,069 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें शामिल 155 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 53 लोगों की मौत हो चुकी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)