देश के कई हिस्सों में सरकार द्वारा किसानों की समस्या पर ध्यान न देने के विरोध में अनोखा प्रदर्शन. किसानों ने कहा- हम योग के विरोध में नहीं, सरकार के विरोध में हैं.
देश भर में सरकार के योग दिवस के विरोध में किसानों ने ‘शवासन’ करके अपना गुस्सा ज़ाहिर किया है. सरकार के विरोध में किसानों ने देश में जगह-जगह ‘शवासन’ करके सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश की.
छह जून को किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में 6 किसानों की मौत के बाद किसानों का गुस्सा बढ़ गया है. सूचनाओं के मुताबिक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरिद्वार में किसानों ने इस तरह का प्रदर्शन किया.
देश के कुछ राज्यों में किसान क़र्ज़ के चलते बैंक और सूदखोरों की प्रताड़ना का शिकार हैं. उनकी फ़सलों के उचित दाम न मिलने और उपज कम होने से किसान और भी परेशान हैं. इसके चलते बड़ी संख्या में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों ने एक जून से आंदोलन शुरू किया था. तब से लेकर अब तक अकेले मध्य प्रदेश में 17 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. जून महीने में ही देश भर में 35 से ज़्यादा किसानों के आत्महत्या करने की सूचना है.
Barabanki (UP): Bharatiya Kisan Union workers protest against killing of farmers in #Mandsaur at NH-28, perform 'shavaasana'. pic.twitter.com/OuhuuhlDL0
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 21, 2017
किसानों की मांग है कि फ़सलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो और किसानों के क़र्ज़ माफ़ किए जाएं. लेकिन केंद्र सरकार कई बार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह किसानों का क़र्ज़ माफ़ नहीं करेगी. इसके विरोध में किसानों ने योग दिवस पर ‘शवासन’ करके विरोध जताया.
बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में पिछले दिनों किसानों पर हुई गोलीबारी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कथित जनविरोधी नीति के ख़िलाफ़ लखनऊ-फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर शवासन किया।
भाकियू के प्रवक्ता आलोक वर्मा ने समाचार एजेंसी भाषा से बताया कि सैकड़ों किसानों ने बाराबंकी के सफेदाबाद क्षेत्र में सुबह नौ से 11 बजे तक लखनऊ-फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर शवासन किया.
भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने योग दिवस पर पूरे देश में जगह-जगह राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर प्रदर्शन करने का आह्वान किया था.
भाकियू का आरोप है कि मोदी सरकार की कथनी और करनी में अंतर का दंश देश के किसान झेल रहे हैं. भाजपा और उसके नेताओं ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का वादा किया था लेकिन उनकी सरकार बने तीन साल होने के बावजूद यह वादा पूरा नहीं हुआ.
संगठन का कहना है कि मोदी सरकार ने किसानों की मांगें पूरे करने के बजाय मध्य प्रदेश के मंदसौर में उन पर गोलियां बरसाईं.
राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन के शिव कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमारा अहिंसक आंदोलन जारी रहेगा. हम इस देश के लोगों को किसानों की दुर्दशा के बारे में बताना चाहते हैं.’
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, मध्य प्रदेश के हरदा में भी किसानों ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ शवासन करके विरोध जताया. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भी किसानों के समर्थन में शवासन करके सरकार का विरोध जताया.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस पार्टी के दफ़्तर के सामने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शवासन किया.
Bhopal: Congress workers do the 'Shavaasana' on #InternationalYogaDay to protest against farmers killed in police firing in Mandsaur,MP pic.twitter.com/hOMMnnAgY6
— ANI (@ANI) June 21, 2017
टाइम्स आॅफ़ इंडिया के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में भी सरकार के विरोध में किसानों ने शवासन किया. वहां पर इस प्रदर्शन के चलते भारी भीड़ और जाम हुआ लेकिन स्थिति संभालने के लिए कोई प्रशासन मौजूद नहीं था. किसानों का कहना है कि हम योग के विरोध में नहीं हैं, हम सरकार के रवैये ख़िलाफ़ हैं.