धारावी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के 2500 लोगों के आने और जाने पर रोक लगा दी गई है. इस हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 338 फ्लैट और 93 दुकानें हैं.
मुंबईः महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती (स्लम) धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत के बाद प्रशासन ने इस हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के 2,500 लोगों के आने और जाने पर रोक लगा दी है.
56 साल के इस शख्स की कोरोना वायरस के संक्रमण से बीते एक मार्च को मौत हुई थी. जिस इमारत में इस व्यक्ति की मौत हुई है, उसे भी सील कर दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने यह जांच करनी भी शुरू कर दी है कि कहीं धारावी की इस मौत का संबंध दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम से तो नहीं है.
बीएमसी का कहना है कि धारावी में रहने वाले चार लोगों का पता चला है कि जो दिल्ली में तबलीगी जमात में शामिल हुए थे.
The person from Dharavi in Mumbai who had tested positive for #Coronavirus has died at Sion Hospital. He had symptoms like fever, cough, respiratory issues and also had co-morbid condition of renal failure. pic.twitter.com/24JA6pIwLR
— ANI (@ANI) April 1, 2020
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि मरने वाला शख्स इन चारों लोगों में से किसी के संपर्क में आया हो.
जी-उत्तर (दादर, सायन) के सहायक नगर आयुक्त किरण दिघावकर ने कहा, ‘हम जांच कर रहे हैं कि मृतक इनमें से किस-किसके संपर्क में आया था. सभी चारों लोगों को सयान में क्वारंटाइन केंद्र में भेज दिया है.’
कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए जिस इमारत में कोरोना पीड़ित की मौत हुई है, उसमें और उसके आसपास की इमारतों में रहने वाले लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.
धारावी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के सचिव चार्ल्स एंथनी ने कहा, ‘धारावी में रहने वाले शख्स के कोरोना से संक्रमित होने की खबर सुनने के बाद हम चौंक गए थे. हमारी सबसे बड़ी चिंता यह है कि सोसाइटी के अन्य सदस्यों में यह वायरस नहीं फैलना चाहिए और खासतौर पर धारावी के अन्य हिस्सों में.’
इस हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 338 फ्लैटों और 93 दुकानें हैं, जिनका निर्माण 1976 में हुआ था.
बीएमसी की एक टीम गुरुवार को कॉम्प्लेक्स पहुंची और जहां मृतक रहता था, वहां के गार्डन और इमारतों को सैनिटाइज किया गया.
बीएमसी अधिकारियों ने उन 15 लोगों का भी पता लगाया है, जो मृतक के संपर्क में थे और जांच के लिए उनकी नाक के स्वैब के सैंपल लिए.
एंथनी ने कहा, ‘लॉकडाउन की वजह से दूध, सब्जियों, दवाइयों और अनाज जैसे जरूरों सामानों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. हर कोई डरा हुआ है. हमने सोसाइटी के सदस्यों से जरूरत के सामानों की सूची तैयार कर इसे बीएमसी अधिकारियों को देने को कहा है, जिसके अनुरूप बंदोबस्त किया जाएगा. हम इस वायरस को आगे नहीं बढ़ाना चाहते इसलिए हम बीएमसी के साथ सहयोग करने को तैयार है.’
इस हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के पास की दो इमारतों में भी लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.पास की एक इमारत के स्थानीय निवासी मोबिन मटवाले ने कहा, ‘बेहद आवश्यक्ता पड़ने पर ही इन इमारतों से कोई बाहर आ सकता है. हमें लॉकडाउन को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
मृतक के एक पहचान वाले शख्स ने बताया कि मृतक की धारावी में एक फैक्ट्री थी और उसने दो साल पहले ही सोसाइटी में एक फ्लैट किराए पर लिया था.
सोसाइटी के प्रेसिडेंट आर. गोपाल यादव ने बताया, ‘हमारी उससे (मृतक) ज्यादा बातचीत नहीं थी. हमें सिर्फ इतना पता है कि वह 23 मार्च से बीमार था. शुरुआत में एक स्थानीय डॉक्टर उसका इलाज कर रहा था लेकिन उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे सयान अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.’
दिघावकर ने कहा, हमने उन लोगों की दो सूची मंगाई हैं, जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है और जिन्हें श्वास संबंधी दिक्कतें हैं. इन सभी की जांच की जाएगी.
बता दें कि मुंबई की तुलना में धारावी 10 गुना अधिक घनी आबादी वाला इलाका है. धारावी की झोपड़पट्टी 613 एकड़ क्षेत्र में फैली है और इसमें कई लघु श्रेणी के उद्योग, चमड़े का सामान, मिट्टी के बर्तन और कपड़ा फैक्ट्रियां हैं.