जम्मू कश्मीर: 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध 15 अप्रैल तक बढ़ाया गया

जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव (गृह) ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान यह फैसला इंटरनेट के ज़रिये झूठी ख़बरें फैलाकर क़ानून व्यवस्था बाधित करने के प्रयासों को रोकने के तहत लिया गया है.

जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव (गृह) ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान यह फैसला इंटरनेट के ज़रिये झूठी ख़बरें फैलाकर क़ानून व्यवस्था बाधित करने के प्रयासों को रोकने के तहत लिया गया है.

Jammu Kashmir Internet Ban Reuters
(फोटोः रॉयटर्स)

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्रशासित प्रदेश में हाईस्पीड मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध को 15 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है.

नेशनल कॉन्फेंस (एनसी), सीपीआई-एम सहित कई राजनीतिक दलों ने जम्मू कश्मीर में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल करने की बात कही थी लेकिन इसके बावजूद मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंधों की अवधि को बढ़ा दिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की मांग के बावजूद हाईस्पीड मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ाने के फैसले को न्यायोचित ठहराते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव (गृह) शालीन काबरा ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ही डेटा सेवाओं के दुरुपयोग के कई उदाहरण देखने को मिले थे.

उन्होंने कहा कि यह फैसला राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा इंटरनेट के जरिए फेक न्यूज फैलाकर कानून एवं व्यवस्था बाधित करने के लिए उनके प्रयासों को रोकने के तहत लिया गया है.

आदेश में कहा गया कि एक तरफ बड़े पैमाने पर गोला और बारूद की खेप पकड़ी जा रही है तो दूसरी तरफ आतंकवादियों द्वारा नागरिकों को मारा जा रहा है. भड़काऊ वीडियो/सामग्री अपलोड कर आतंकवाद को प्रोत्साहित करने के प्रयास के अलावा सीमापार से घुसपैठ की घटनाएं भी बढ़ी हैं.

आदेश में कहा गया, ‘जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल नियमों में हुए बदलावों को लेकर सार्वजनिक शांति और सौहार्द को बिगाड़ने के लिए असामाजिक तत्व बड़े स्तर पर हिंसा भड़का सकते हैं या शांति एवं व्यवस्था को बाधित कर सकते हैं.’

कश्मीर ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर के गृह विभाग के मुख्य सचिव शालीन काबरा द्वारा 26 मार्च को जारी किए गए पिछले आदेश के मुताबिक, क्षेत्र में मोबाइल फोन पर इंटरनेट स्पीड को घटाकर 3जी से 2जी कर दिया जाएगा.

पोस्टपेड सिम कार्डधारकों को इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी लेकिन प्रीपेड सिमधारकों को तब तक इसकी सुविधा नहीं मिलेगी, जब तक वे पोस्टपेड कनेक्शन के लिए तय नियमों के अनुरूप खुद का सत्यापन नहीं कराते.