भारतीय प्रेस परिषद ने मीडिया संस्थानों से आयुर्वेदिक, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी और होम्योपैथी में कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
नई दिल्ली: भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी कर मीडिया संस्थानों को कोरोना वायरस के इलाज का दावा करने वाले आयुर्वेदिक, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी से संबंधी विज्ञापनों के प्रकाशन पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
दरअसल स्वास्थ्य पेशोंवरों ने आयुर्वेद, योग, यूनानी और होम्योपैथी संबंधी इलाज और रोकथाम के दावों से संबंधी भ्रामक विज्ञापनों के ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रचारित करने को लेकर चिंता जताई थी.
बीते एक अप्रैल को आयुष मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सभी संबंधित आयुर्वेदिक, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथिक से जुड़े नियामकीय प्रशासनों को प्रिंट, टेलीविजन और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का भ्रामक प्रचार एवं इश्तहार बंद करने का निर्देश दिया था.
मंत्रालय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संबंधित कानूनी प्रावधानों एवं दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों या एजेंसियों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने को कहा था.
मीडिया पर निगरानी रखने वाली संस्था ने कहा, ‘भारतीय प्रेस परिषद प्रिंट मीडिया को महामारी के चलते उभरते खतरे के मद्देनजर आयुष की दवाओं और सेवाओं के बारे में गुमराहपूर्ण सूचनाओं के प्रसार रोकने के लिए कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित उसके प्रचार एवं इश्तहार को छापना बंद करने की सलाह देती है.’