पीएम केयर्स में दान स्वैच्छिक बनाया जाए, फंड का उपयोग बचाव उपकरण ख़रीदने में हो: डॉक्टर संगठन

एम्स प्रशासन ने सभी ​रेज़िडेंट डॉक्टरों से एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में जमा करने का नोटिस जारी किया है. ​डॉक्टरों का कहना है कि बिना उनसे परामर्श किए दान करने का नोटिस उनके अपनी पसंद के तरीके से देश के समर्थन के व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन करता है.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

एम्स प्रशासन ने सभी रेज़िडेंट डॉक्टरों से एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में जमा करने का नोटिस जारी किया है. डॉक्टरों का कहना है कि बिना उनसे परामर्श किए दान करने का नोटिस उनके अपनी पसंद के तरीके से देश के समर्थन के व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन करता है.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखकर मांग की है कि पीएम-केयर्स फंड में अनुदान को स्वैच्छिक बनाया जाए और इकट्ठा हुई रकम का इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर उनके लिए बचाव के उपकरण खरीदने में की जाए.

एम्स प्रशासन ने सभी रेजिडेंट चिकित्सकों से अनुरोध किया था कि आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम-केयर्स) में अपनी एक दिन का वेतन दान दें, जिससे कोरोना वायरस की रोकथाम के सरकार के प्रयासों में मदद हो सके.

महामारी की चुनौतियों को संभालने के लिए एम्स प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि बिना उनसे परामर्श किए पीएम केयर्स फंड के लिए दान करने का नोटिस उनके अपनी पसंद के तरीके से देश के समर्थन के व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन करता है.

उन्होंने एक पत्र में कहा, ‘व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी के साथ ही परिसर में यात्रा और सफाई की सुविधाओं में कमी के मद्देनजर एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन लोगों की प्रतिक्रिया जानने के बाद आपसे अनुरोध करती है कि इस कवायद को स्वैच्छिक बनाएं और इस कोष का इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर पीपीई व अन्य उपकरणों की खरीद के लिए करें, जिससे स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े कर्मचारी इस महामारी को बेहतर तरीके से संभाल सकें व संकट की इस घड़ी में देश की मदद कर सकें. कृपया इस नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस ले लें.’

प्रशासन ने अपने नोटिस में यह भी कहा था कि किसी रेजिडेंट को कोई आपत्ति हो तो वह ईमेल, वॉट्सऐप या एसएमएस के जरिये अपने लेखा अधिकारी से छह अप्रैल तक संपर्क कर सकता है.

एम्स प्रसाशन के नोटिस में कहा गया है कि अगर छह अप्रैल तक आपत्ति दर्ज नहीं कराई जाती है तो एक दिन के वेतन के बराबर की रकम पीएम केयर्स फंड के लिए काट ली जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)