गुजरात पुलिस ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने शनिवार को ओएलएक्स पर एक विज्ञापन दिया जिसमें उसने अस्पतालों और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को खरीदने के लिए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को 30,000 करोड़ रुपये में बेचने की आवश्यकता जताई.
राजपिपला: नर्मदा जिले के केवडिया में स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की बिक्री के लिए एक ऑनलाइन विज्ञापन जारी करने को लेकर एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए मेडिकल बुनियादी ढांचे और अस्पतालों पर होने वाले सरकारी खर्च को पूरा करने के लिए इस प्रतिमा की 30.000 करोड़ रुपये में बिक्री का विज्ञापन दिया गया.
यह सरदार पटेल का स्मारक है और प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में इसका उद्घाटन किया था.
केवडिया पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने शनिवार को ओएलएक्स पर एक विज्ञापन दिया जिसमें उसने अस्पतालों और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को खरीदने के लिए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को 30,000 करोड़ रुपये में बेचने की आवश्यकता जताई.
इंस्पेक्टर पीटी चौधरी ने कहा कि एक अखबार में इसकी रिपोर्ट आने पर स्मारक के अधिकारियों को इसका पता चला और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभिन्न कानूनों के तहत एक मामला दर्ज किया गया है.
एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (किसी भी अफवाह. किसी भी तरह की अफवाहें फैलाना). 417 (धोखाधड़ी के लिए सजा). 469 (जालसाजी) और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
बाद में विज्ञापन को वेबसाइट से हटा दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सहायक कमिश्नर नीलेश दुबे द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘सरकार को बदनाम करने के इरादे से एक अज्ञात व्यक्ति ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को ओएलएक्स पर बिक्री के लिए लगा दिया जबकि उसके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं था. यह भयावह है कि ऑनलाइन मार्केटप्लेस ओएलएक्स ने पोस्ट को सत्यापित नहीं किया.’
31 अक्टूबर, 2018 को उद्घाटन के बाद से एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने वाले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को गुजरात में कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए सरकार के एक निर्देश के बाद 17 मार्च से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)