लंदन से लौटने के बाद बीते 20 मार्च को बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं. इसके बाद उन्हें लखनऊ स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
लखनऊ: कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल इंस्टिट्यूट (एसजीपीजीआई) में भर्ती गायिका कनिका कपूर की लगातार दो रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि के बाद उन्हें सोमवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
इससे पहले कोरोना वायरस से संबंधित उनके कई टेस्ट पॉजिटिव आए थे.
पीजीआई के निदेशक डॉ. आर के धीमन ने बताया कि दो दिन पहले कनिका कपूर की रिपोर्ट में वह संक्रमित नहीं पाई गई थीं, जिसके बाद रविवार शाम एक बार फिर उनकी रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई.
उन्होंने बताया कि कनिका कपूर को सोमवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं लेकिन उन्हें अभी कुछ दिन विशेष सावधानी बरतनी होगी.
कनिका कपूर को अभी कुछ दिन अपने घर पर पृथकवास में रहना पड़ेगा.
गौरतलब है कि कनिका 10 मार्च को एयर इंडिया के विमान से लंदन से मुंबई पहुंची थीं. उसके बाद वह लखनऊ आई थीं और उन्होंने लखनऊ एवं कानपुर समेत अन्य जगहों पर न सिर्फ पार्टियों में हिस्सा लिया था, इन पार्टियों में कई नेताओं और अन्य हस्तियों से भी भाग लिया था.
इस पार्टियों में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उनके बेटे दुष्यंत कुमार, अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल, कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा जैसे नेता शामिल हुए थे.
बेबी डॉल, चिट्टियां कलाइयां, नाचन फर्राटे, देसी लुक जैसे गीत गाने के लिए जानी जाने वाली कनिका कपूर लंदन से लौटने के बाद बीते 20 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं.
कानिका कपूर ने यह जानकारी अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर दी थी. वह 10 मार्च को अपने परिवार से मिलने लखनऊ गई हुई थीं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ रहने के दौरान वह दो से तीन पार्टियों में शामिल होने के साथ एक पांच सितारा होटल और एक पार्लर में भी गई थीं.
वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टरों की विशेष टीम उनकी देखभाल कर रही थी.
रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना को लेकर कनिका के खिलाफ सरोजिनी नगर थाने में लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी सुरजीत पांडेय ने धारा 269 (किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया ग़ैर जिम्मेदाराना काम, जिससे किसी की जान को खतरा हो सकता है), धारा 270 (किसी जानलेवा बीमारी को फैलाने के लिए किया गया घातक या नुकसानदायक काम) और धारा 188 (किसी लोकसेवक द्वारा लागू किसी आदेश का उल्लंघन) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)