कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनज़र देश में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. लॉकडाउन से पहले ही देश के स्कूल और कॉलेज एहतियातन बंद कर दिए गए थे.
नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संकट पर 14 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करने के बाद सरकार स्कूल और कॉलेज फिर से खोलने पर कोई निर्णय लेगी.
एचआरडी मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि छात्रों और अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है और उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि यदि स्कूल और कॉलेज को 14 अप्रैल के बाद भी बंद रखने की जरूरत पड़ी तो छात्रों को पढ़ाई-लिखाई का कोई नुकसान नहीं हो.
देश में 21 दिनों के लिए लागू लॉकडाउन के 14 अप्रैल को समाप्त होने पर उनके मंत्रालय की योजना के बारे में पूछे जाने पर पोखरियाल ने कहा, ‘इस वक्त कोई फैसला लेना मुश्किल है. हम 14 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करेंगे और परिस्थितियों के मुताबिक इस बारे में फैसला लिया जाएगा कि स्कूल और कॉलेज फिर से खोले जा सकते हैं या उन्हें कुछ और समय के लिए बंद रखना होगा.’
मंत्री ने कहा, ‘देश में 34 करोड़ छात्र हैं, जो अमेरिका की आबादी से अधिक है. वे हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं. छात्रों एवं अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है.’
उल्लेखनीय है कि 21 दिनों का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला है. हालांकि स्कूल और कॉलेजों में कक्षाएं लॉकडाउन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा किए जाने से पहले से ही स्थगित हैं.
मंत्री ने कहा, ‘फिलहाल विभिन्न सरकारी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही है.’
निशंक ने कहा, ‘मैं लॉकडाउन के दौरान स्कूल-कॉलेज द्वारा अनुपालन की जा रही कार्य योजना की नियमित रूप से समीक्षा कर रहा हूं. स्थिति में सुधार आने पर और लॉकडाउन खत्म होने पर लंबित परीक्षाएं संचालित करने तथा (उत्तर पुस्तिकाओं का) मूल्यांकन करने के लिए पहले से ही एक योजना तैयार है.’
बता दें कि अब तक देश में कोरोना वायरस के चलते 109 लोगों की मौत हुई है और जबकि कुल संक्रमितों की संख्या 4,067 हो गई है.