16 नवंबर को गुजरात के एक मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के कारण छात्र की मौत के मामले की पुलिस जांच में सामने आया है कि कॉलेज के अधिकारी कॉलेज में बड़े पैमाने पर हो रही रैगिंग से कथित तौर पर वाक़िफ़ थे, मगर उन्होंने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया.
वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज परिसर में स्थित मस्जिद को लेकर विवाद गहरा रहा है. जहां मंगलवार को कुछ छात्रों ने मस्जिद में नमाज़ के समय हनुमान चालीसा पढ़ी थी,वहीं जुमे के रोज़ छात्रों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
आईआईटी खड़गपुर के शिक्षक संघ ने सितंबर में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजे एक पत्र में निदेशक वीके तिवारी पर अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. इसके लिए चार शिक्षकों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई. जब अन्य फैकल्टी ने उनका समर्थन किया, तो उन्हें भी नोटिस भेजे गए.
आईआईटी और आईआईएम सहित लगभग सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में 27 प्रतिशत फैकल्टी पद ओबीसी, 15% एससी और 7.5 % एसटी के लिए आरक्षित हैं. हालांकि, सामने आया है कि कम से कम दो आईआईटी और तीन आईआईएम में 90% से अधिक फैकल्टी पदों पर सामान्य वर्ग के लोग काबिज़ हैं.
जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद आलोक कुमार सुमन ने शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति और जनजाति (एसटी) के लोगों ख़िलाफ़ होने वाले भेदभाव को लेकर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार से सवाल पूछा, जिसके जवाब में बताया गया कि ऐसा कोई केंद्रीय डेटा रखा ही नहीं जाता.
राज्यसभा में शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक लिखित जवाब में बताया कि 31 अक्टूबर तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 5,182 शैक्षणिक पद रिक्त थे.
इस महीने 11 नवंबर को जेएनयू द्वारा आयोजित एक सेमिनार में मुंबई में अवैध आप्रवासन के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिणामों का विश्लेषण किया गया. जेएनयूटीए का आरोप है कि यह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रहों को पुष्ट करने का प्रयास था.
घटना पाटन ज़िले के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की है, जहां सीनियर्स द्वारा कथित रैगिंग के बाद एक 18 वर्षीय छात्र की मौत हो गई. कॉलेज ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है. 15 छात्रों के ख़िलाफ़ गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत केस दर्ज किया गया है.
हरियाणा के गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसर ज़ोया हसन की फ़िलिस्तीन पर वार्ता रद्द करना किसी भारतीय संस्थान में हुई ऐसी पहली घटना नहीं है. इससे पहले जेएनयू और आईआईटी बॉम्बे द्वारा ऐसे सेमिनार और व्याख्यान रद्द किए जा चुके हैं.
शीर्ष अदालत ने साल 1967 के एस. अज़ीज़ बाशा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए अपने फैसले को पलटा है. हालांकि, अभी यह तय होना बाकी है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा प्राप्त होगा या नहीं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के करीब 19 हज़ार स्वीकृत पदों में 27 फीसदी खाली पड़े हुए हैं, जहां 38 फीसदी से ज़्यादा एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पद खाली हैं.
संस्कृत को एक विशेष धर्म या संस्कृति के ‘मूल्यों’ की वाहक बना दिया गया है. उसका मूल उद्देश्य ज्ञान का प्रसार नहीं, लोगों को राष्ट्रवादी और संस्कारी बनाने का है. एक विशेष प्रकार की नैतिकता के बोझ से दबी बेचारी संस्कृत किस तरह विद्यार्थियों को आकर्षित करे?
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने कागज़ और छपाई की गुणवत्ता जांच का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी स्कूलों से कक्षा 9 से 12 तक की चार पाठ्यपुस्तकों की सभी प्रतियां वापस मंगाएं. इनमें से एक किताब में 2002 के गोधरा कांड से जुड़ा अध्याय शामिल है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मेघालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को एक धर्म विशेष से जोड़ते हुए लगातार उस पर हमले किए थे. इस विश्वविद्यालय का संचालन असम के बंगाली-मुस्लिम महबूबुल हक़ के स्वामित्व वाली एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन करती है.
जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ के सेंटर फॉर वेस्ट एशियन स्टडीज़ द्वारा पश्चिम एशियाई देशों में चल रहे संघर्ष पर तीन सेमिनार होने थे, जिनमें ईरानी, फिलिस्तीनी और लेबनानी राजदूतों को अलग-अलग शामिल होना था. बताया गया है कि विरोध की आशंका के चलते इन्हें रद्द कर दिया गया.