धोखाधड़ी के आरोपी डीएचएफएल प्रमोटर लॉकडाउन का उल्लंघन करने के कारण हिरासत में

डीएफएचएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन को परिवार के 23 सदस्यों के साथ उनके सतारा ज़िले के महाबलेश्वर स्थित उनके फार्म हाउस में पाया गया, जबकि कोरोना वायरस के चलते पूरे सतारा ज़िले को सील कर दिया गया है.

(फोटो साभार: विकिपीडिया)

डीएफएचएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन को परिवार के 23 सदस्यों के साथ उनके सतारा ज़िले के महाबलेश्वर स्थित उनके फार्म हाउस में पाया गया, जबकि कोरोना वायरस के चलते पूरे सतारा ज़िले को सील कर दिया गया है.

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मुंबई: महाराष्ट्र के सतारा जिले के महाबलेश्वर में बीते गुरुवार को डीएफएचएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन को कोविड-19 पाबंदियों के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने वधावन परिवार के सदस्यों समेत 23 लोगों को उनके फार्म हाउस में पाया. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा इस बात की जांच की जाएगी कि वधावन परिवार के 23 सदस्यों को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति कैसे मिली?

स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार कोरोनावायरस की रोकथाम के लिये पुणे और सतारा दोनों जिलों को सील कर दिया गया है. इसके बावजूद वधावन परिवार के सदस्यों समेत कई लोगों ने बुधवार शाम अपनी कारों से खंडाला से महाबलेश्वर की यात्रा की.

बता दें कि कपिल और धीरज वधावन यस बैंक और डीएफएचएल धोखाधड़ी मामलों में आरोपी हैं. पुलिस ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें दीवान फार्म हाउस में देखा. सभी 23 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मामले में जांच की जाएगी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘इसकी जांच होगी की आखिर कैसे वधावन परिवार के 23 लोगों को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत मिली.’

देशमुख का ये बयान एक भाजपा नेता द्वारा लगाए गए आरोप के बाद आया जिसमें ये कहा गया है कि महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव (गृह) अमिताभ गुप्ता ने वधावन परिवार को यात्रा की इजाजत दी थी.

इस संबंध में गुप्ता के हस्ताक्षर वाला एक पत्र सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था जिसमें वधावन परिवार को यात्रा करने की इजाजत का विवरण है. हालांकि द वायर  स्वतंत्र रूप से इस पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

इसे लेकर काफी राजनीतिक विवाद बढ़ गया, जिसके बाद राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार की रात दो बजे ट्वीट कर कहा कि जांच पूरी होने तक अमिताभ गुप्ता को तुरंत छुट्टी पर भेज दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री के साथ चर्चा के बाद प्रमुख सचिव (गृह) अमिताभ गुप्ता को तत्काल प्रभाव से जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेज दिया गया है.’

पिछले महीने 16 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वधावन बंधुओं को समन जारी कर 17 मार्च को पेश होने को कहा था. उस समय वधावन कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा था, ‘स्वास्थ्य प्राथमिकता है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)