सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त जावेद अशरफ़ का कहना है कि कोविड-19 से संक्रमित पाए गए लगभग सभी भारतीय स्थिर हैं या उनकी हालत में सुधार हो रहा है. इससे पहले ईरान में भी फंसे तक़रीबन 250 भारतीयों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
सिंगापुर: सिंगापुर में तकरीबन 250 भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को बताया कि इनमें से आधे से ज़्यादा विदेशी मजदूर के तौर पर काम करते हैं और डोरमैंट्री में रहते थे.
भारतीय उच्चायुक्त जावेद अशरफ ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित पाए गए लगभग सभी भारतीय स्थिर हैं या उनकी हालत में सुधार हो रहा है.
उन्होंने बताया कि बीमारी से संक्रमित करीब 250 भारतीय नागरिकों में कुछ यहां के स्थायी निवासी हैं.
उच्चायुक्त जावेद अशरफ के मुताबिक, इन संक्रमितों में 50 फीसदी की डोरमैट्री कोरोना संक्रमित इलाकों में थी. इस तरह का पहला मामला 29 मार्च को सामने आया था.
डोरमैट्री में रहने के कारण इनमें सामाजिक दूरी अपनाने की संभावना बेहद कम थी. इस तरह धीरे-धीरे डोरमैट्री में संक्रमितों की संख्या 460 पर पहुंच गई, जिनमें से 200 मामले गुरुवार को पॉजिटिव पाए गए.
जावेद अशरफ ने बताया कि सिंगापुर में डोरमैट्री में जांच बढ़ाई गई हैं. इससे आने वाले दिनों में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या और बढ़ेगी.
इन रोगियों में करीब आधे वे हैं जो विदेशी कामगारों के रहने की अस्थायी जगहों के जरिये संपर्क में आए हैं.
कोविड-19 टास्कफोर्स की सहअध्यक्षता करने वाले सिंगापुर के राष्ट्रीय विकास मंत्री लॉरेंस वोंग ने कहा कि आगामी दिनों में विदेशी कामगारों के डोरमैट्री में कोरोना वायरस के मामले इसी तरह बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा, लेकिन हमें एक समग्र रणनीति बनानी होगी और इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं और एजेंसियां इसे लागू करने के लिए 24 घंटे काम कर रही हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, सिंगापुर में अब तक संक्रमण के 2,108 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से साल लोगों की मौत हो चुकी है. बीते शुक्रवार को यहां संक्रमण के तकरीबन 200 नए मामले सामने आए और एक व्यक्ति की मौत हुई थी.
इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि ईरान में फंसे तकरीबन 250 भारतीयों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 850 तीर्थयात्रियों में से अधिकांश को भारत ले आया गया है और बाकी 250 के आसपास तीर्थयात्रियों को हालात में सुधार होने के बाद ही वापस लाया जा सकता है. ईरान में फंसे ये भारतीय पिछले साल दिसंबर में ईरान गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)