छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री जय सिंह अग्रवाल का कहना है कि कोयले की खुली खदानों और कोयले के ईंधन से चलने वाले संयंत्रों के कारण कोरबा अत्यधिक प्रदूषित है और क्षेत्र के तक़रीबन 12 प्रतिशत लोग पहले से ही दमा और ब्रोंकाइटिस से पीड़ित हैं.
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने बीते शुक्रवार को कहा कि राज्य के कोरबा औद्योगिक क्षेत्र की करीब 12 प्रतिशत आबादी अत्यधिक प्रदूषण के कारण दमा और ब्रोंकाइटिस से ग्रस्त है और इस कारण से उन्हें कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारियों से ज्यादा खतरा है.
अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा को लिखे पत्र में कहा है कि औद्योगिक क्षेत्र में रह रहे दमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों के लिए कोरोना वायरस बड़ा खतरा बन सकता है.
उन्होंने बताया कि कोयले की खुली हुई खदानों और कोयले के ईंधन से चलने वाले संयंत्रों के कारण कोरबा अत्यधिक प्रदूषित है.
अग्रवाल ने लिखा है, ‘राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र (एसएचआरसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि करीब 11 किलोमीटर के दायरे में कोरबा औद्योगिक क्षेत्र में रहने वाली आबादी का 12 प्रतिशत हिस्सा अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से जूझ रहा है.’
उन्होंने लखमा से अनुरोध किया है कि वह उत्सर्जन को नियंत्रित करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने का निर्देश अपने विभाग के अधिकारियों को दें.
उन्होंने सुझाव दिया कि जिस तरह उद्योगों की स्थापना से पहले पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन किया जाता है, उसी तरह स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का भी आकलन किया जाना चाहिए.
एसएचआरसी छत्तीसगढ़ के पूर्व निर्देशक प्रबीर चटर्जी ने कहा कि मंत्री का इस रिपोर्ट को संज्ञान में लेना अच्छी बात है.
उन्होंने कहा, ‘हम आग्रह करते हैं कि कैबिनेट के दूसरे मंत्री भी इस मुद्दे पर गौर करें और आम आदमी के हितों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव का अकलन करना शुरू करें.’
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के 18 मामले सामने आए हैं, जिनमें 10 मामले कोरबा जिले से हैं. जिले के कटघोरा में 7 लोगों में गुरुवार को कोरोना की पुष्टि हुई थी. जिला प्रशासन ने कटघोरा इलाके में पूरी तरह से कर्फ्यू लगा दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)