कोरोना वायरस: केंद्र लॉकडाउन बढ़ाने पर कर रहा विचार, महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक बढ़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनज़र लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है.

New Delhi: India Gate wears a deserted look during a nationwide lockdown in the wake of coronavirus pandemic, in New Delhi, Friday, April 3, 2020. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI03-04-2020_000221B)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनज़र लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है.

New Delhi: India Gate wears a deserted look during a nationwide lockdown in the wake of coronavirus pandemic, in New Delhi, Friday, April 3, 2020. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI03-04-2020_000221B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/मुंबई: केंद्र सरकार कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के कारण लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह के लिए बढ़ाने के ज्यादातर राज्यों के अनुरोध पर विचार कर रही है.

सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शनिवार को हुई मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद यह बात कही.

इस बीच महाराष्ट्र में कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने शनिवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का निर्णय ले लिया है.

ओडिशा और पंजाब के बाद महाराष्ट्र तीसरा राज्य है, जिसने यह निर्णय लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में मुख्यमंत्रियों से कहा कि ध्यान अब ‘जान भी, जहान भी’ पर होना चाहिए और भारत के ‘उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि एवं स्वस्थ भारत’ के लिए यह जरूरी है.

सरकार के मुख्य प्रवक्ता केएस धतवलिया ने ट्वीट किया, ‘भारत में कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए और बढ़ाने का आग्रह किया. सरकार इस आग्रह पर विचार कर रही है.’

ऐसे संकेत हैं कि लॉकडाउन को आर्थिक गतिविधियों में कुछ छूट के साथ बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि वायरस से अप्रभावित इलाकों में कम पाबंदी सहित अन्य प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है.

संवाद के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन का बढ़ना अपरिहार्य है, अगले 15 दिन के लिए इसे लागू करने के बारे में दिशा-निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे.

कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मोदी ने कहा, ‘लॉकडाउन की घोषणा करते हुए मैंने कहा था, ‘जान है तो जहान है. देश के अधिकतर लोगों ने इसे समझा और घरों के भीतर रहने की जिम्मेदारी का पालन किया. और अब दोनों आयामों पर ध्यान देने की जरूरत है, ‘जान भी, जहान भी’ जो भारत के ‘उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि एवं स्वस्थ भारत’ के लिए जरूरी है.’

उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक नागरिक इन दोनों आयामों पर ध्यान देगा और सरकार के निर्देशों का पालन करेगा, तब इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमें ताकत मिलेगी .

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया.

कोविड-19 संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि 14 अप्रैल तक है.

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बैठक में बताया कि उनकी सरकार ने एक मई तक कर्फ्यू लगाए रखने या पूरी तरह बंद लागू करने का पहले ही निर्णय ले लिया है. सभी शिक्षण संस्थान 30 जून तक बंद रहेंगे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि देशभर में लागू लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन का सही फैसला किया है. आज भारत की स्थिति कई विकसित देशों से बेहतर है, क्योंकि हमने शुरू में ही लॉकडाउन शुरू कर दिया. अगर अभी यह रोक दिया जाता है तब इसके फायदे बेकार चले जाएंगे. इसलिए इसे मजबूती प्रदान करने के लिए इसे बढ़ाया जाना जरूरी है.’

संवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि ने हिस्सा लिया.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न आयामों को लेकर विचार मांगे हैं, जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों और सेवाओं को छूट दिए जाने की जरूरत है. वर्तमान लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है.

इससे पहले बीते दो अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के दौरान मोदी ने उनसे लॉकडाउन से ‘क्रमवार’ तरीके से बाहर आने बारे में सुझाव मांगा था.

बीते बुधवार को मोदी ने लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जाएगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि हर व्यक्ति के जीवन को बचाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है.

अधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा था कि कई राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा था कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है और कड़े निर्णय लेने की जरूरत है.

महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक जारी रहेगा लॉकडाउन: उद्धव ठाकरे

इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी है. इसकी घोषणा करते हुए उद्धव ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है, जबकि कुछ क्षेत्रों में उसे और कड़ा किया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि 30 अप्रैल के बाद पाबंदियां पूरी तरह हटाने का निर्णय स्थिति के आधार पर लिया जाएगा.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए एक ट्वीट के मुताबिक, ‘हमारे पास 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यह अब 30 अप्रैल तक जारी रहेगा. मैं इस बात पर जोर दे रहा हूं, क्योंकि यह सब सामाजिक अनुशासन और बाजारों में भीड़ न जुटने पर ही निर्भर है.’

एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, ‘हम इस दौरान कृषि कार्यों और जरूरी सामनों के आवागमन पर रोक नहीं लगा रहे हैं. विश्वविद्यालयों और स्कूलों की परीक्षा, उद्योगों के शुरू करने के संबंध में निर्देश 14 अप्रैल तक दिए जाएंगे. इस संबंध में विचार जारी है.’

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया, ‘सरकार और मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं. सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने राजनीतिक मतभेद भुलाकर हाथ मिला लिया है. सभी राज्य और केंद्र साथ मिलकर काम कर रहे हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)