कोरोना वायरस: दिल्ली के तीन आश्रय गृहों को आग लगाने के मामले में सात लोग गिरफ़्तार

बीते 11 अप्रैल को दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास स्थित तीन आश्रय गृहों में आग लगा दी गई थी. पुलिस ने गिरफ़्तार आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

फोटो: एएनआई

बीते 11 अप्रैल को दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास स्थित तीन आश्रय गृहों में आग लगा दी गई थी. पुलिस ने गिरफ़्तार आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में कश्मीरी गेट के निकट तीन आश्रय गृहों को आग लगाने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

गौरतलब है कि शनिवार 11 अप्रैल की शाम करीब छह बजे कश्मीरी गेट के निकट आश्रय गृहों में आग लग गई थी, जिसे बुझाने के लिए दमकल की पांच गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया था.

अधिकारियों ने कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. पुलिस ने कहा था कि इस घटना के संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन बाद इसमें संशोधन कर गिरफ्तार लोगों की संख्या सात बताई है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दंगे, लोक सेवक पर हमले और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का मामला दर्ज कर सातों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. आश्रय गृह में रह रहे लोगों को दूसरी जगह भेजा जा चुका है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा है कि आश्रय गृहों में आग लगने के बाद सैकड़ों बेघर लोगों को उत्तरी दिल्ली के अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) के निदेशक (रैन बसेरा) एनएच शर्मा ने कहा, ‘हम लोगों को नजदीकी स्कूलों में शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. और चबी गंज के एक स्कूल में 100 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया जाएगा. तब तक बेघर लोगों को भोजन के पैकेट दिए जाएंगे.’

पुलिस के अनुसार, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे आश्रय गृह में रह रहे एक व्यक्ति की मौत को लेकर शनिवार को हुई हिंसा और आगजनी में शामिल थे.

उस व्यक्ति समेत कुछ लोगों को खाना लेने के लिए कतार में खड़े होते समय दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया था, जिसके बाद शुक्रवार को वह कथित रूप से यमुना नदी में कूद गया था.

पुलिस ने कहा कि आश्रय गृह में रह रहे लोगों ने शनिवार सुबह उसका शव बाहर निकाला. उन लोगों ने दावा किया कि यह उसी व्यक्ति का शव है जो शुक्रवार को नदी में कूद गया था.

पुलिस ने इस बात से इनकार किया तो कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया था, फिर हिंसा और आगजनी शुरू हो गई थी.

आश्रय गृह के प्रभारी निशु त्रिपाठी ने भी इससे इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘शव आश्रय गृह में से किसी का नहीं है.’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह सब पांच मिनट के भीतर हुआ और स्वयंसेवकों ने कुछ लोगों को आग से बचा लिया. हमने आग के कारण का पता लगाने के लिए साक्ष्य एकत्र किए हैं.’

पुलिस ने कहा कि आगजनी की घटना से एक दिन पहले आश्रय गृह में रह रहे लोगों और स्वयंसेवियों के बीच भोजन के बंटवारे को लेकर झड़प हो गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)