याचिका में यह दावा भी किया गया है कि 860 मछुआरों में से कोई भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है, लेकिन वे पर्याप्त भोजन या पानी के बिना अमानवीय परिस्थितियों में ईरान में फंसे हुए हैं.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि वह ईरानी तट के पास नौकाओं में फंसे 860 भारतीय मछुआरों को वापस लाने के लिए केंद्र को निर्देश दे.
कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में लगे प्रतिबंधों के कारण मछुआरे फंसे हुए हैं. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी.
याचिका में सरकार को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि मछुआरों की कोविड-19 जांच करने के लिए एक मेडिकल टीम भेजी जाए.
याचिका में दावा किया गया है कि फंसे ईरान में फंसे हुए मछुआरों में से ज्यादातर तमिलनाडु, केरल और गुजरात के हैं. इन सभी मछुआरों के नाव ईरान के होरमोज़गन प्रांत के बंदर ए मोकम और लवान द्वीपों के तट पर हैं.
याचिका में यह दावा भी किया गया है कि 860 मछुआरों में से कोई भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है, लेकिन वे पर्याप्त भोजन या पानी के बिना अमानवीय परिस्थितियों में फंसे हुए हैं.
इन मछुआरों में से एक की पत्नी द्वारा दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि केंद्र उन लोगों को पर्याप्त भोजन, पानी और दवा उपलब्ध कराए.
याचिका में कहा गया है कि यदि वे संक्रमित हैं तब भी उन्हें भारत वापस लाया जाना चाहिए और पृथकवास में रखा जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें कम से कम भोजन और पानी तो उपलब्ध हो सकेगा.
बीबीसी के मुताबिक इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को चिट्ठी लिखकर बताया था कि 100 से अधिक मछुआरे कोरोना वायरस की वजह से ईरान के अज़लूर में फंसे हुए हैं.
चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, ‘मैं आप से आग्रह करता हूं कि दूतावास को इस बारे में ज़रूरी कदम उठाने के आदेश दें और इन लोगों की सुरक्षित वापसी का इंतज़ाम करने को कहें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)