उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ​हुए दंगे ​के संबंध में अब तक 800 से अधिक लोग गिरफ़्तार

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते दंगे से जुड़े मामलों की जांच धीमी नहीं पड़नी चाहिए.

New Delhi: A man folds his hands as security personnel conduct patrolling in Bhagirathi Vihar area of the riot-affected north east Delhi, Wednesday, Feb. 26, 2020. At least 22 people have lost their lives in the communal violence over the amended citizenship law as police struggled to check the rioters who ran amok on streets, burning and looting shops, pelting stones and thrashing people. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI2_26_2020_000187B)

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते दंगे से जुड़े मामलों की जांच धीमी नहीं पड़नी चाहिए.

New Delhi: A man folds his hands as security personnel conduct patrolling in Bhagirathi Vihar area of the riot-affected north east Delhi, Wednesday, Feb. 26, 2020. At least 22 people have lost their lives in the communal violence over the amended citizenship law as police struggled to check the rioters who ran amok on streets, burning and looting shops, pelting stones and thrashing people. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI2_26_2020_000187B)
(फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा मामले में 800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते मामले की जांच धीमी नहीं पड़नी चाहिए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह निर्देश ऐसे समय में आया है, जब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की कुछ टीमों ने घर से काम करना शुरू कर दिया है और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दौरे करने बंद कर दिए हैं. इसके साथ ही गिरफ्तारियों की रफ्तार भी कम हो गई थी.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है, ‘लगभग दो सप्ताह पहले इस स्थिति में बदलाव उस समय आया, जब गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस की तैयारियों पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई.’

सूत्र ने बताया, ‘बैठक के दौरान उनसे दंगा मामलों पर प्रगति की जानकारी मांगी गई. पुलिस प्रमुख एसएन श्रीवास्तव ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया. मंत्रालय ने कहा कि पुलिस को किसी भी परिस्थिति में गिरफ्तारियां जारी रखनी हैं.’

इस संबंध में सभी जांच टीमों को संदेश दिया गया कि किसी भी परिस्थिति में जांच और गिरफ्तारियां जारी रखें.

रिपोर्ट के अनुसार, दंगों के संबंध में अब तक 802 लोगों को गिरफ्तार किया गया. क्राइम ब्रांच हत्या के 42 मामलों की जांच कर रहा है और 182 लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने दंगों के संबंध में 620 लोगों को गिरफ्तार किया है. 182 गिरफ्तार लोगों में से 50 लोगों को लॉकडाउन के दौरान पकड़ा गया है.

पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से जांच टीमों को कहा गया है कि वे किसी को भी गिरफ्तार करते समय या छापेमारी करते समय एहतियात बरतें और उन्हें उपलब्ध कराए गए सुरक्षात्मक उपकरणों का इस्तेमाल करें.

एक अधिकारी ने कहा, उन्हें तापमान मापने के उपकरण साथ रखने को कहा गया है. संदिग्धों को हिरासत में लेने के बाद टीमें उन्हें (संदिग्धों) मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराती हैं. मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने से पहले उनका स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है.

पुलिस सूत्रों का कहना है, इससे पहले एक एफआईआर में तीन से चार हत्या के मामलों को दर्ज किया गया था. अब हर मामले की अलग-अलग एफआईआर दर्ज की जाती है. अपराध शाखा ने आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश के संभल से दो और लोगों को भी गिरफ्तार किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि 24 साल के फैजान की हत्या मामले की जांच एसआईटी कर रही है. एक वीडियो में घायल फैजान जमीन पर पड़े हुए नज़र आते हैं. इसमें पुलिस ड्रेस में कुछ लोग घायल फैजान और चार अन्य से राष्ट्रगान गाने को कहते नजर आ रहे हैं.

पुलिस ने बताया कि एसआईटी इस मामले में अर्धसैनिक बलों की भूमिका की जांच कर रही है, क्योंकि वहां दिल्ली पुलिस से कोई भी तैनात नहीं था.