सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी भारतीय बाहर के देशों में फंसे हुए हैं उन्हें फिलहाल वापस नहीं लाया जा सकता है. कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जो भी भारतीय छात्र यूनाइटेड किंगडम (यूके) में फंसे हुए हैं उन्हें फिलहाल वापस नहीं लाया जा सकता है.
लाइव लॉ के मुताबिक यूके में भारतीय छात्रों की मदद के लिए की कार्रवाई पर केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामे पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, ‘जहां हैं वहीं रुके रहें.’
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूके, इरान और अन्य खाड़ी देशों में फंसे छात्रों, कामगारों, मजदूरों और मछुआरों को वहां से निकालने के लिए दायर की गईं अन्य याचिकाओं को भी सुना. कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी.
Supreme Court today deferred for 4 weeks, all the petitions before it which sought directions or orders to 'bring back Indians stranded in various countries abroad'. pic.twitter.com/QYcuA8No3r
— ANI (@ANI) April 13, 2020
वहीं खाड़ी देशों से भारतीयों को वापस लाने की मांग वाली कांग्रेस सांसद एमके राघवन की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वे याचिकाकर्ता द्वारा इन देशों में फंसे भारतीयों की देखभाल के लिए दिए गए सुझावों पर विचार करें.
इन मामलों की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस संकट के समय भारतीयों को वापस लाना असंभव है और भारत सरकार द्वारा दायर हलफनामा में ये बात कह दी गई है.
उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में लोगों को विस्तार मिल रहा है, मेरे हलफनामें में, मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि फिलहाल ये संभव नहीं है.’
कोरोना वायरस के संकमण को फैलने से रोकने के लिए पिछले महीने 26 मार्च से लागू लॉकडाउन के तहत भारत ने सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों पर रोक लगा दी है. हालांकि ये रोक कार्गो या माल वाहक विमानों पर लागू नहीं है.