मुंबई में पहली 50 मौतों में से 11 मामलों में मौत के बाद जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 14 मामलों में मौत से एक घंटे से भी कम समय पहले हुई जांच में व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाया गया.

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र और सबसे ज्यादा प्रभावित शहर मुंबई है. इसकी बड़ी वजह राज्य में किए जा रहे एक विश्लेषण से पता चलता है.
कोरोना वायरस से मुंबई में हुई पहली 50 मौतों के विश्लेषण से पता चलता है कि इसमें आधे ज्यादा लोगों की मौत हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने के कुछ घंटों या दिन के भीतर ही हो गई. इसमें से करीब आधे मामलों में मृतकों की कोविड-19 जांच मौत या इससे कुछ समय पहले हुई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक राज्य सरकार विशेषज्ञों के साथ मीटिंग कर रही है ताकि इसका पता लगाया जा सके कि आखिर क्यों इन मरीजों की इतनी जल्दी मौत हुई और भर्ती एवं टेस्टिंग होने में देरी होने की समस्या का समाधान किया जा सके.
इसे लेकर बीते सोमवार को मुंबई में नौ सदस्यीय एक टास्क फोर्स बनाया गया जो कि गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों के लिए इलाज के नियम बनाएगी. मुंबई में छह अस्पतालों को गंभीर रूप से पीड़ितों के इलाज की जिम्मेदारी दी गई है.
मुंबई में पहली 50 मौतों में से 14 मरीजों की मौत अस्पताल में भर्ती किए जाने के कुछ घंटों में ही हो गई. वहीं 26 मरीजों की मौत अस्पताल में भर्ती किए जाने के एक दिन के भीतर हुई.
इसके अलावा 11 मामलों में मौत के बाद जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 14 मामलों में मौत से एक घंटे से भी कम समय पहले जांच में व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इन 50 मृतकों में से 39 पुरुष थे और 11 महिलाएं थीं.
विशेषज्ञ और अधिकारी ऐसा होने के पीछे कई सारे कारण बताते हैं. कुछ मरीजों को भर्ती लिए जाने से पहले कई प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ा था. खांसी और सर्दी के सभी मामलों की तुरंत जांच नहीं की गई. कई मरीजों ने स्थिति गंभीर होने से पहले तक घर पर ही अपना इलाज कराया.