विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ की ओर से कहा गया है कि वर्तमान में 24 देशों ने टीकाकरण का काम रोक दिया गया है और कोरोना वायरस के कारण 13 अन्य देशों में भी टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हुआ है.
पेरिस: संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य संगठनों ने मंगलवार को आगाह किया कि दुनियाभर में 11.7 करोड़ बच्चे खसरा (Measles) के खतरे का सामना कर रहे हैं, क्योंकि कई देशों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच टीकाकरण अभियान को सीमित कर दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा है कि वर्तमान में 24 देशों ने टीकाकरण का काम रोक दिया गया है. इसमें से कई देश खसरा के खतरे का पहले से सामना कर रहे हैं.
कोरोना वायरस के कारण 13 अन्य देशों में भी टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हुआ है.
खसरा और रूबेला के खतरे को घटाने के लिए वैश्विक स्तर की भागीदारी संस्था ‘मीजल्स एंड रूबेला इनिशिएटिव’ (एम एंड आरआई) ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि यह बहुत जरूरी है कि मौजूदा महामारी के दौरान और बाद में भी टीकाकरण के कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए.
The world’s response to #COVID19 is as strong as the weakest health system.
As health services are stretched by coronavirus, it’s more important than ever to invest in and protect life-saving maternal, newborn and child health services. #ForEveryChild
— UNICEF (@UNICEF) April 13, 2020
बयान में कहा गया, ‘टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित होने से कुल मिलाकर 11.7 करोड़ बच्चे प्रभावित हो सकते हैं.’
बयान में कहा गया है कि यदि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के चलते टीकाकरण रोकना जरूरी है तो हम नेताओं से आग्रह करते हैं कि जिन बच्चों को टीका नहीं दिया गया उन्हें चिह्नित करके जल्द से जल्द खसरे का टीका दिया जाए ताकि उन बच्चों को अन्य बीमारियों से बचाया जा सके.
बयान में कहा गया, ‘एम एंड आरआई, जहां पर महामारी का बहुत ज्यादा खतरा है वहां पर व्यापक अभियान को कुछ समय के लिए रोककर कोरोना वायरस से समुदायों और स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने की हिमायत करता है. हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि बच्चे इससे स्थायी रूप से वंचित होने चाहिए.
एम एंड आरआई ने सभी देशों और नेताओं से अपील किया है कि सभी समुदायों तक पहुंचने के लिए प्रभावी संचार रणनीतियों को लागू करें. खासकर इस चुनौतीपूर्ण समय में हर बच्चे के स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित करने के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करें और टीकाकरण जारी रखें.
साथ ही एम एंड आरआई ने मौजूदा हालातों में काम कर रहे दुनिया भर के स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं में लगे श्रमिकों की धैर्यता की तारीफ की, जो इन विकट परिस्थितियों में भी लोगों को सेवाएं दे कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है.
खसरा से हर साल करीब दो करोड़ बच्चे प्रभावित होते हैं. इनमें से अधिकतर बच्चों की उम्र पांच साल से कम होती है. वर्ष 2018 में खसरा की वजह से 140,000 बच्चों की मौत हुई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)