कोरोना वायरस: देश के 170 जिले बने हॉटस्पॉट, 207 अन्य जिले संभावित श्रेणी में

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बुधवार को 392 हो गई जबकि इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 11,933 है. पिछले 24 घंटों में 1118 नए संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसमें 39 लोगों की जान जा चुकी है.

(फोटो: पीटीआई)

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बुधवार को 392 हो गई जबकि इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 11,933 है. पिछले 24 घंटों में 1118 नए संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसमें 39 लोगों की जान जा चुकी है.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: देश के 700 जिलों में से 170 जिलों को कोरोना वायरस हॉटस्पॉट घोषित किया जा चुका है. सरकार के मुताबिक 207 जिलों पर कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बनने का खतरा भी है.

केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वे इन सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) जिलों में कोरोना की महामारी की रोकथाम करें. हॉटस्पॉट जिलों में कोरोना से लड़ने के लिए विशेष टीमें कार्यरत हैं. टीमें डोर टू डोर सर्वे करने के साथ-साथ लोगों की जांच भी कर रही हैं.

वहीं, कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित रेड जोन जिलों की संख्या 123 है.

बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, ओडिशा और उत्तराखंड में एक-एक जिले; कर्नाटक में तीन; पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा में चार-चार जिले; गुजरात और मध्यप्रदेश में पांच-पांच जिले; जम्मू कश्मीर और केरल में 6-6 जिले; तेलंगाना में 8 ; दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 9 जिले; महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में 11-11 जिले; तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 22 जिले शामिल हैं.

क्लस्टर सहित कोरोना हॉटस्पॉट जिलों की संख्या 47 है. जिसमें दिल्ली, तेलंगाना, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, लद्दाख, गुजरात, अंडमान निकोबार और छत्तीसगढ़ में एक-एक जिला. हरियाणा, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, झारखंड के दो-दो जिले. महाराष्ट्र और बिहार के तीन-तीन जिले. यूपी और पंजाब के चार-चार जिले शामिल हैं. असम, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के पांच-पांच जिले शामिल हैं.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने के बाद सरकार की आगामी रणनीति का खुलासा करते हुये यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल तक देश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के उपायों का सख्ती से पालन और आकलन सुनिश्चित किया जायेगा.

अग्रवाल ने कहा कि इन जिलों के सर्वाधिक संक्रमण प्रभावित इलाकों में मरीजों की शीघ्र पहचान करने के लिये घर घर जाकर सर्वेक्षण किया जायेगा. इसके तहत जिले के स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारी घर-घर जाकर खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ वाले मरीजों की पहचान कर यह सुनिश्चित करेंगे कि इनमें कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं है.

बीते बुधवार को लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में 20 अप्रैल से चुनिंदा गतिविधियों को जारी रखने की मंजूरी दी गई है. हालांकि, 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट कोविड-19 से हॉटस्पॉट या नियंत्रित क्षेत्रों पर लागू नहीं होंगी.

वहीं, अगर नियंत्रित क्षेत्र में किसी नए इलाके को शामिल किया जाता है तो उससे पहले वहां होने वाली गतविधियों को निलंबित कर दिया जाएगा. केवल उन गतिविधियों को जारी रखा जाएगा जिन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के तहत मंजूरी दी गई है.

इन इलाकों में लोगों को अनिवार्य सेवाओं के अलावा अंदर या बाहर आने नहीं दिया जाएगा.

बता दें कि, देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बुधवार को 392 हो गई जबकि इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 11,933 है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमितों में कम से कम 1,344 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 9,756 लोगों का अब भी इलाज जारी है. इनमें से 76 विदेशी नागरिक हैं.

वायरस से मंगलवार शाम से 1118 नए संक्रमितों की पहचान हुई है जिसमें 39 लोगों की जान जा चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)