सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन 15 राज्यों के 270 ज़िलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने 5.70 करोड़ राशन कार्ड में 1.43 करोड़ राशन कार्ड पर ही इस महीने अब तक अतिरिक्त राशन मिला है. मतलब अब भी 75 फीसदी राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ नहीं मिला है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के कारण प्रतिदिन राशन की समस्याओं से जूझ रही देश की बड़ी आबादी को राहत देने के लिए पिछले महीने 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की थी.
इसके तहत प्रति व्यक्ति को तीन महीने (अप्रैल-जून) तक पांच किलो अतिरिक्त अनाज मुफ्त में दिया जाना था. हालांकि आधा अप्रैल बीत जाने के बाद भी देश के 15 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में अभी तक आवंटित अनाज का सिर्फ 22 फीसदी हिस्सा ही वितरित किया गया है.
केंद्र ने इन 15 राज्यों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अप्रैल महीने के लिए13.27 लाख मिट्रिक टन अतिरिक्त अनाज (90 फीसदी से ज्यादा सिर्फ चावल) आवंटित किया था.
हालांकि केंद्र के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक 15 अप्रैल तक में राज्यों ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से 2.31 लाख टन ही अनाज उठाया और कुल 2.89 लाख वितरण यानी कि सिर्फ 21.82 फीसदी अनाज का वितरण किया जा सका है.
इन 15 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में बिहार, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तराखंड शामिल हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इन 15 राज्यों के 270 जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत बने 5.70 करोड़ राशन कार्ड में 1.43 करोड़ राशन कार्ड पर ही अभी तक इस महीने का अतिरिक्त राशन मिला है. इसका मतलब है कि अभी भी 75 फीसदी राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ नहीं मिला है.
मालूम हो कि देश के विभिन्न हिस्सों से खबरें आई हैं कि राशन न होने की वजह से बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर और गरीब लोग भूखे सोने को मजबूर हैं. बिहार की राजधानी पटना से महज 60 किलोमीटर दूर भोजपुर जिले के आरा शहर के जवाहर टोले की मलिन बस्ती में रहने वाले आठ वर्षीय राकेश की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी.
बिहार
बावजूद इसके राज्यों में राशन वितरण में अनियमितता और देरी देखी जा रही है. पीएमजीकेएवाई के तहत बिहार को इस महीने के लिए 4.28 लाख टन अनाज आवंटित किया गया था, लेकिन 15 अप्रैल तक में राज्य में सिर्फ 45.29 हजार टन अनाज का ही वितरण किया जा सका है, जो कि कुल आवंटन का 10.57 फीसदी है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बिहार में कुल 1.68 करोड़ राशन कार्ड बनाए गए हैं. इसमें से 24.69 लाख अंत्योदय राशन कार्ड और 1.43 करोड़ पात्र गृहस्थी राशन कार्ड हैं. राज्य में कुल 48,372 फेयर प्राइस शॉप (एफपीएस) और 46,667 पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) हैं.
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 1.68 राशन कार्ड के मुकाबले अभी तक 16.26 लाख राशन कार्ड पर ही अनाज का वितरण किया गया है. इसका मतलब है कि बिहार में कुल राशन कार्ड की तुलना में सिर्फ करीब 10 फीसदी राशन कार्ड पर ही अभी तक अनाज मिल पाया है.
हरियाणा
कुछ इसी तरह का हाल हरियाणा का भी है. पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल महीने के लिए हरियाणा को 63,245 टन सिर्फ गेहूं आवंटित किया गया था. इसमें से भी राज्य सरकार ने अभी तक 27,914 टन ही अनाज एफसीआई से उठाया है और इसमें से भी सिर्फ 9,790 टन अनाज का अभी तक वितरण किया जा सका है.
ये कुल आवंटन का मात्र 15.48 फीसदी है. हरियाणा के 21 जिलों में कुल 27.01 लाख राशन कार्ड हैं, जिसमें से 2.50 लाख अन्त्योदय और 24.50 पात्र गृहस्थी कार्ड हैं. हालांकि इतने कार्ड के मुकाबले राज्य में अभी तक 4.33 लाख कार्ड पर ही अनाज दिया गया है, जो कि कुल राशन कार्ड के मुकाबले 27.97 फीसदी है.
हरियाणा में कुल 9,719 फेयर प्राइस शॉप (एफपीएस) और 9,429 पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) हैं.
मालूम हो कि मजदूर संगठनों द्वारा हरियाणा सरकार के खिलाफ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी और कहा गया था कि राज्य में जरूरतमंदों को अनाज नहीं मिल रहा है. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि इस पर तुरंत सुनवाई की जाए.
हिमाचल प्रदेश
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हिमाचल प्रदेश को इस महीने 14,322.28 टन चावल (सिर्फ चावल) का आवंटन किया गया था. इसमें से राज्य सरकार सिर्फ 3,802.43 टन अनाज का ही वितरण कर पाई है, जो कि कुल आवंटन के मुकाबले सिर्फ 26.55 फीसदी है.
राज्य में एनएफएसए के तहत कुल 6.69 लाख राशन कार्ड धारक हैं और इसके मुकाबले अभी तक 1.81 लाख राशन कार्ड पर ही अनाज का वितरण किया जा सका है, जो कि कुल कार्ड के मुकाबले सिर्फ करीब 27 फीसदी ही है. राज्य में कुल 4,856 फेयर प्राइस शॉप हैं.
जम्मू कश्मीर
केंद्र द्वारा राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से कई कठोर प्रतिबंधों का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर में राशन वितरण की हालात काफी ज्यादा खराब दिखाई देती है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राज्य को अप्रैल महीने के लिए 36.024.78 टन चावल का आवंटन किया गया था.
हालांकि इसमें से अभी तक सिर्फ 151.30 टन यानी कि 0.42 फीसदी राशन का ही वितरण किया जा सका है.
एनएफएसए के तहत राज्य में कुल 16.45 लाख राशन कार्ड हैं, लेकिन इसकी तुलना में 15 अप्रैल तक सिर्फ 6.6 हजार राशन कार्डों पर ही अनाज दिया गया है. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य के लोगों को काफी खाद्यान्न दिक्कत का सामना करना पड़ रहा होगा.
मध्य प्रदेश
देश के एक अन्य बड़े राज्य मध्य प्रदेश को इस महीने के लिए 2.73 लाख टन का अतिरिक्त चावल आवंटित किया गया था. हालांकि इसमें से अभी तक में सिर्फ 11,352.61 टन अनाज का ही वितरण किया गया है, जो कि कुल आवंटन का सिर्फ 4.16 फीसदी है.
मध्य प्रदेश में एनएफएसए के तहत कुल 1.16 करोड़ राशन कार्ड बने है. हालांकि इसके मुकाबले 15 अप्रैल तक में 4.69 लाख राशन कार्ड पर अनाज का वितरण किया गया. इसका मतलब है कि राज्य में सिर्फ करीब 2.5 फीसदी राशन कार्डों पर ही राशन मिल पाया है.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र को पीएमजीकेएवाई के तहत 3.50 लाख टन चावल (सिर्फ चावल) का आवंटन किया गया था, लेकिन इसमें से अभी तक में 1.16 लाख अनाज बांटा गया है, जो कि कुल आवंटन की तुलना में 33.32 फीसदी है.
एनएफएसए के तहत राज्य में कुल 1.51 करोड़ राशन कार्ड हैं, लेकिन इसमें से 53.74 लाख राशन कार्डों पर ही इस महीने का अतिरिक्त अनाज दिया गया है.
तेलंगाना
खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 15 राज्यों में सबसे अच्छी स्थिति तेलंगाना की है, जिसने अब तक 90 फीसदी से ज्यादा का राशन वितरित कर दिया है. तेलंगाना को इस महीने के लिए 95,810 टन अतिरिक्त अनाज का आवंटन किया गया था और इसमें से राज्य ने 86,928.52 टन का वितरण कर दिया है.
उत्तराखंड
उत्तराखंड भी तेजी से राशन वितरण में काफी पीछे ही. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राज्य को अप्रैल महीने के लिए 30,978.95 टन चावल आवंटित किया गया था, लेकिन इसमें से सिर्फ 1,465.43 टन ही राशन का वितरण किया जा सका है, जो कि कुल आवंटन के मुकाबले सिर्फ 4.73 फीसदी है.
राज्य में एनएफएसए के तहत कुल 13.43 लाख राशन कार्ड बनाए गए हैं, लेकिन 15 अप्रैल तक में सिर्फ 63,648 राशन कार्डों पर ही अनाज दिया जा सका है.
यही हाल दो केंद्रशासित प्रदेशों- दमन एंड दीव और चंडीगढ़ के अलावा गोवा तथा पूर्वोत्तर के राज्यों मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा का है. ये वो 15 राज्य हैं जिन्होंने अपने यहां प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का खाद्यान्न वितरण शुरू कर दिया है और इसके आंकड़े केंद्र को दे रहे हैं.
केंद्र ने 90 फीसदी से ज्यादा सिर्फ चावल आवंटित किया
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत केंद्र ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अप्रैल महीने के लिए कुल 40.47 लाख टन का अतिरिक्त अनाज आवंटित किया है. हालांकि चिंता की बात ये है इसमें से 90 फीसदी चावल ही आवंटित किया गया है. गेहूं की मात्रा बहुत कम है.
केंद्र ने कुल मिलाकर 3.58 लाख टन गेहूं आवंटित किया है, जो कि महीने के कुल अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन का सिर्फ 8.84 फीसदी है. चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के लिए ही गेहूं आवंटित किया गया है और इन राज्यों चावल बिल्कुल भी आवंटित नहीं किया गया.
द वायर ने विभिन्न राज्यों के भोजन अधिकार कार्यकर्ताओं से बात कर ये पुष्टि की है कि अधिकतर जगहों पर सिर्फ चावल ही बांटा जा रहा है, जिसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी भी है.
नियमित खाद्यान्न का भी पूरा वितरण नहीं
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अलावा जो नियमित राशन बंटता था वो भी अभी तक पूरा नहीं बंट पाया है. एनएफएसए के तहत नियमित राशन वितरण के लिए केंद्र ने इस महीने के लिए कुल 43.81 लाख टन राशन आवंटित किया था.
इसमें से राज्यों ने एफसीआई से 40.96 लाख टन ही राशन उठाया और इसमें से भी 31.30 लाख टन राशन का अभी तक वितरण हुआ है. इस हिसाब से कुल आवंटन का 76.42 फीसदी ही वितरण किया गया.
केंद्र के खाद्य विभाग की वेबसाइट ‘अन्न वितरण’ पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 28 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 21.98 करोड़ राशन कार्ड हैं. इसमें से 15.54 करोड़ राशन कार्ड पर ही इस महीने में अभी तक में अनाज दिया गया है. इसका मतलब है कि अभी भी 6.44 करोड़ राशन कार्ड पर हर महीने मिलने वाला अनाज नहीं मिला है.