कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश में लागू लॉकडाउन के चलते हवाई सेवाएं तीन मई तक निलंबित हैं. एयरलाइंस कंपनियों के वैश्विक संगठन आईएटीए अपील की है कि भारत सरकार को एयरलाइंस कंपनियों की मदद करनी चाहिए, ताकि इस मुश्किल वक़्त से ये बाहर निकल सकें.
नई दिल्ली: एयरलाइंस कंपनियों के वैश्विक संगठन इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण भारत के विमानन और उससे जुड़े क्षेत्रों में 20 लाख से अधिक नौकरियों को खतरा है.
पहले ही दिक्कतों का सामना कर रहीं एयरलाइंस कंपनियों की आर्थिक मुश्किलें कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण और बढ़ गई हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक लॉकडाउन के चलते देश में तीन मई तक हवाई सेवाएं निलंबित रहने की वजह से तकरीबन 11 हजार से ज्यादा लोग पहले से ही प्रभावित हुए हैं. इन स्थितियों को देखते हुए कुछ घरेलू विमानन कंपनियों ने लीव विदाउट पे की शुरुआत कर दी है, वहीं कुछ कंपनियों ने पायलटों को निकालना भी शुरू कर दिया है.
आईएटीए की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक स्तर पर एयरलाइन कंपनियां अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए काफी जद्दोजहद कर रही हैं.
आईएटीए में कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस (एशिया पैसिफिक) के सहायक निदेशक अल्बर्ट तोजेंग ने कहा, ‘लॉकडाउन से पैदा हुईं स्थितियों से भारतीय एयरलाइन कंपनियां भी अछूती नहीं हैं. यहां यात्री सेवा राजस्व में 8.8 अरब डॉलर से अधिक और यात्रियों की संख्या में 36 प्रतिशत की गिरावट दर्ज होने की संभावना है. इसके चलते एविएशन सेक्टर में 20 लाख से अधिक नौकरियों पर खतरा है. इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं, जो विमानन पर निर्भर हैं.’
अल्बर्ट ने कहा कि इस समय भारत सरकार को एयरलाइंस कंपनियों की आर्थिक मदद करनी चाहिए, ताकि इस मुश्किल वक्त से कंपनियां बाहर निकल सकें.
उन्होंने कहा कि सरकार को एयरलाइंस उद्योग के लिए टैक्स और एयरपोर्ट और वैमानिकी शुल्क भी पूरी तरह या आंशिक रूप से माफ कर देने चाहिए.
आईएटीए में 290 एयरलाइंस कंपनियों का संगठन है. इसमें एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो और स्पाइसजेट भी शामिल हैं.
बता दें कि एयर इंडिया ने अप्रैल की शुरुआत में ही अपने करीब 200 अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंध निलंबित कर दिए थे, जिन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा नियुक्त किया गया था.
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश में 25 मार्च से लागू 21 दिनों के लॉकडाउन को बीते 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मई तक बढ़ा दिया है. इसके साथ ही रेल और हवाई समेत सभी यातायात सेवाएं भी तीन मार्च तक बंद रहेंगी.