श्रीनगर के नौहट्टा में मस्जिद के बाहर पुलिस अधिकारी की पत्थर मार-मारकर हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.
श्रीनगर: श्रीनगर के मुख्य इलाके में शुक्रवार तड़के एक मस्जिद के नज़दीक आक्रोशित भीड़ ने एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) की उस समय निर्वस्त्र कर पत्थर मार-मारकर हत्या कर दी जब उन्होंने कथित तौर पर एक समूह पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं. उस समूह ने उन्हें वहां तस्वीरें लेता पकड़ लिया था, जिसके बाद यह घटना घटी.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि उक्त पुलिस अधिकारी की पहचान मोहम्मद अयूब पंडित के रूप में हुई है जो उस समय ड्यूटी पर तैनात थे जब आक्रोशित भीड़ ने उन पर हमला किया.
जम्मू कश्मीर के डीजीपी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद्य ने हत्या को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया. डीजीपी ने कहा, अधिकारी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे जब भीड़ ने उनकी हत्या कर दी. यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.
Two people have been arrested, third person identified. They will have to face the law: J&K DGP SP Vaid pic.twitter.com/4Ab6bj1CCY
— ANI (@ANI) June 23, 2017
वैद ने बताया कि डीएसपी को मस्जिद के पहुंच नियंत्रण (एक्सेस कंट्रोल) पर इसलिए तैनात किया गया था ताकि वह असामाजिक तत्वों को माहौल ख़राब न करने दें और लोग शांतिपूर्वक नमाज़ पढ़ सकें.
वैद ने कहा, ‘भीड़ ने डीएसपी पर तब हमला किया जब वह पहुंच नियंत्रण (एक्सेस कंट्रोल) की जांच कर मस्जिद के बाहर आ रहे थे. जब डीएसपी मस्जिद के पहुंच नियंत्रण क्षेत्र की जांच कर बाहर आ रहे थे तब नारे लगाते हुए कुछ असामाजिक तत्वों ने उन्हें पकड़ लिया और उन्हें पीटने लगे.’
यह पूछे जाने पर कि क्या दिवंगत अधिकारी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी गुट के प्रमुख मीरवाइज़ उमर फारूक़ की सुरक्षा के लिए आए थे, तब डीजीपी वैद्य ने कहा, मीरवाइज़ यहां आते हैं. बृहस्पतिवार को एक बहुत ही पवित्र अवसर था और हज़ारों लोगों के मस्जिद आने का अनुमान था इसलिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे.
मीरवाइज अक्सर खुतबा (धार्मिक संबोधन) देने के लिए मस्जिद में आते हैं.
पुलिस अधिकारी के गोली चलाने से तीन व्यक्ति घायल हो गए. गोलीबारी का बचाव करते हुए वैद ने कहा डीएसपी के पास पिस्तौल थी और उन्हें आत्मरक्षा का अधिकार था.
पुलिस उपाधीक्षक की मौत पर समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर पुलिस पूरे मुल्क के सबसे अच्छे पुलिस बलों में से एक है. ये बहुत ही बहादुर हैं. जम्मू कश्मीर के लोगों का ध्यान रखते हुए ये सब्र कर रहे हैं. लेकिन जिस दिन इन सब्र टूट जाएगा तो बहुत मुश्किल हो जाएगी.’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘हम संयम बरत रहे हैं क्योंकि हमारा सामना हमारे ही लोगों से है लेकिन कब तक ऐसा चलेगा. अभी कुछ समय पहले एसएचओ, फिर पांच पुलिस वाले अब ये डीएसपी… ये तो अपने काम से नहीं गया था, वे वहां थे ताकि लोगों की जिंदगियां बचा सके. वह अपना काम करने… अपना फर्ज़ निभाने के लिए वहां गया था.’
#WATCH: J&K CM Mehbooba Mufti speaks on death of Deputy SP Mohammed Ayub Pandith, says "police exercising max restraint,ppl must understand" pic.twitter.com/M9uOvkaLH5
— ANI (@ANI) June 23, 2017
मुफ्ती कहती हैं, ‘मेरी लोगों से गुज़ारिश है… ये बहुत ही शर्मनाक वाकया है. जो लोग आपकी हिफाज़त के लिए आते हैं. सब लोग तहम्मुल (सब्र) से काम लेते हैं. अगर आप ये सलूक उनके साथ करेंगे तो ख़ुदा न ख़ास्ता इनका सब्र जवाब देगा तो वो पुराना वक्त न लौट आए कि सड़क पर जिप्सी दिख गई तो लोगों को भागना पड़े. मैं लोगों से गुज़ारिश करूंगी कि अभी भी वक़्त है लोगों को संभलना चाहिए. ये हमारी पुलिस है इनके साथ इस का सलूक ठीक बात नहीं है.’
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में डीजीपी वैद्य ने कहा, ‘लोगों को समझना चाहिए कि अच्छा क्या है और बुरा क्या है. जो उनकी हिफाज़त के लिए वहां ड्यूटी कर रहा था उसे ही लिंच (पीट-पीट कर मार देना) कर दिया.’
उन्होंने बताया कि मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य व्यक्ति की पहचान की गई है. उन्होंने कहा कि इन लोगों को क़ानून का सामना करना पड़ेगा.
इससे पहले पुलिस सूत्रों ने कहा था कि नौहट्टा में रात करीब 12:30 बजे कुछ लोगों ने जामा मस्जिद के नज़दीक अयूब को गुज़रते देखा था. वह मस्जिद से बाहर आ रहे लोगों की कथित तौर पर तस्वीरें ले रहे थे.
उन्होंने बताया कि लोगों ने जब पंडित को पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने अपनी पिस्तौल से कथित तौर पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिससे तीन लोग घायल हो गए.
Deeply disturbed & condemn the brutal act at Nowhatta.Mob violence & public lynching is outside the parameters of our values & religion….
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) June 23, 2017
मीरवाइज़ उमर फारूक़ ने ट्वीट कर कहा, ‘नौहट्टा की घटना निंदनीय है. भीड़ की हिंसा और किसी को पीट-पीट कर मार डालना हमारे मूल्यों और धर्म के ख़िलाफ़ है. समाज में इस तरह की क्रूरता की अनुमति नहीं दी जा सकती.’
सूत्रों ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने पत्थर मार-मारकर हत्या करने से पहले उन्हें निर्वस्त्र कर दिया था. उन्होंने बताया कि पहचान और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं के लिए उनके शव को पुलिस नियंत्रण कक्ष ले जाया गया. घटना के बाद से पुराने शहर में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है.
भीड़ ने इलाके में तैनात खाली सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाया. इलाके में स्थिति सामान्य करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर भेजा गया.
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अधिकारियों ने शहर के सात थाना क्षेत्रों में एहतियाती तौर पर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है.
जुमे की नमाज़ के बाद अलगावादियों के विरोध प्रदर्शन के ऐलान के मद्देनज़र कानून और व्यवस्था की स्थिति कायम रखने के लिए ये प्रतिबंध लगाए गए हैं.
पुलवामा ज़िले के कुपवाड़ा इलाके में बृहस्पतिवार को एक प्रदर्शन के दौरान एक नागरिक की मौत के विरोध में उन्होंने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. डीएसपी अयूब पंडित को जिन लोगों ने भी मार डाला उनके पापों के लिए वे जहन्नुम की आग में जलें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)