उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि डॉक्टरों और पुलिस टीम पर हमला करने वाले उपद्रवियों के ख़िलाफ़ महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम तहत केस दर्ज किया जाए.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कोरोना वायरस मरीजों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन करने की कोशिश कर स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते गुरुवार को आदेश दिया कि अगर ऐसा करने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाते हैं तो उनकी संपत्ति जब्त की जाए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्य के जिला मजिस्ट्रेटों को स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि लॉकडाउन को लागू करने और कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो इसके प्रति जिम्मेदार लोगों से इसकी भरपाई कराई जाए और अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए.
मीडिया से बात करते हुए एडिशनल मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा, ‘मेडिकल और पुलिस टीम की हर तरह से सुरक्षा की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत भी मामला दर्ज किया जाए.’
मालूम हो कि यदि अधिकारी संतुष्ट हैं कि व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है, तो एनएसए के तहत बिना किसी चार्ज के 12 महीने तक के लिए उसे हिरासत में रखा जा सकता है.
मुरादाबाद में बुधवार को हुए हमले में करीब 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्यमंत्री ने इसे अमानवीय अपराध कहा है.
योगी आदित्यनाथ में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तीन मई तक के लिए बढ़ाए गए लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.