लॉकडाउन: राजमार्गों पर 20 अप्रैल से शुरू होगी टोल टैक्स वसूली, ट्रक संगठनों ने जताया विरोध

सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनज़र लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से टोल टैक्स की वसूली अस्थायी तौर पर रोक दी थी, ताकि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई में आसानी हो और समय कम लगे.

कोरोना वायरस के चलते राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों ने लॉकडाउन की घोषणा की है. (फोटो: रॉयटर्स)

सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनज़र लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से टोल टैक्स की वसूली अस्थायी तौर पर रोक दी थी, ताकि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई में आसानी हो और समय कम लगे.

कोरोना वायरस के चलते राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों ने लॉकडाउन की घोषणा की है. (फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: सरकार के निर्देश के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 20 अप्रैल से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स (पथकर) की वसूली फिर से शुरू करेगा.

कोरोना वायरस महामारी के चलते 26 दिन की छूट के बाद राजमार्गों पर पथकर वसूली फिर शुरू करने का यह निर्णय सोमवार से सड़कों पर ट्रकों की आवाजाही की छूट देने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के मद्देनजर लिया गया है.

ट्रक परिवहन से जुड़े लोगों ने अभी मुश्किल समय का हवाला देते हुए इसका विरोध किया है.

सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी प्रतिबंधों के दौरान 25 मार्च से टोल टैक्स की वसूली अस्थायी तौर पर रोक दी थी, ताकि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई में आसानी हो और समय कम लगे.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनएचएआई को लिखे नए पत्र में कहा है, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों को राज्य के भीतर और राज्यों में आवागमन के लिए जो छूट दी गई थी, उसी संबंध में एनएचएआई को गृह मंत्रालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए और टोल टैक्स की वसूली 20 अप्रैल, 2020 से की जानी चाहिए.’

एनएचएआई के एक पत्र का उत्तर देते हुए, मंत्रालय ने कहा है कि एनएचएआई ने 11 और 14 अप्रैल के अपने दो पत्रों में पथकर की वसूली फिर से शुरू करने की जरूरत पर जोर दिया था और इसके कारण बताते हुए कहा था कि गृह मंत्रालय ने व्यावसायिक एवं निजी प्रतिष्ठानों तथा विनिर्माण गतिविधियों सहित बहुत से कार्यों के लिए 20 अप्रैल से वाहनों की आवाजाही की अनुमति दे दी है.

पत्र में लिखा है कि एनएचएआई ने कहा है कि टोल टैक्स की वसूली से सरकार को राजस्व मिलता है और इससे एनएचएआई को भी धन लाभ होता है.

हालांकि परिवहन उद्योग से जुड़े ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि यह बहुत ही गलत है, सरकार नहीं चाहती है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति अबाध जारी रहे और हमारा समुदाय तमाम बाधाओं के बावजूद ऐसा कर रहा है.

एआईएमटीसी का दावा है कि उसके सदस्य आपरेटर कुल 95 लाख ट्रकों का परिचालन करते हैं. संगठन के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने कहा कि ट्रक परिवहन उद्योग की वित्तीय रूप से कमर टूटी हुई है. ऐसे में इस क्षेत्र को मदद की दरकार है लेकिन उस पर कठिनाई होते हुए भी टोल का बोझ फिर थोपा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि ट्रक ऑपरेटरों का 20 प्रतिशत राजस्व टोल में निकल जाता है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 25 मार्च को पथकर अस्थायी तौर पर स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा था कि कोविड- 19 के मद्देनजर पूरे देश में राजमार्गों की पथकर चौकियों पर टोल की वसूली अस्थायी तौर पर स्थगित की जा रही है.

सरकार ने कहा था कि इससे न केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए असुविधा कम होगी बल्कि महत्वपूर्ण समय की बचत भी होगी.

ट्रक ऑपरेटरों के दावों के विपरीत सड़क परिवहन क्षेत्र का अध्ययन करने वाले स्वतंत्र संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के समन्वयकर्ता एसपी सिंह ने कहा, ‘पिछले 21 दिन के अध्ययन का यह निष्कर्ष है कि ट्रक ऑपरेटरों ने टोल हटाए जाने का लाभ सेवा लेने वालों को शायद ही पहुंचाया है.’