बीते 15 अप्रैल को जारी नोटिफिकेशन में गृह मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और सिलेसिलाए परिधानों आदि की बिक्री की अनुमति दी थी, लेकिन अब इस ‘छूट’ को वापस ले लिया गया है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपने मंच के जरिये गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी है.
चार दिन पहले ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और सिलेसिलाए परिधानों आदि की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब इस ‘छूट’ को वापस ले लिया गया है.
बता दें कि, राष्ट्रव्यापी बंद तीन मई तक लागू है. हालांकि, 15 अप्रैल को जारी नोटिफिकेशन में गृह मंत्रालय ने जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कुछ आवश्यक सेवाओं को छूट देने का ऐलान किया था.
इससे पहले के आदेश में कहा गया था कि ई-कॉमर्स कंपनियां 20 अप्रैल से इन उत्पादों की बिक्री कर सकेंगी.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने रविवार को इस बारे में आदेश जारी किया. इसमें समेकित संशोधित दिशानिर्देशों से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैरजरूरी उत्पादों की बिक्री को हटा दिया गया है.
आदेश में कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों से संबंधित प्रावधान जिसमें उनके वाहनों को आवश्यक अनुमति के साथ आवाजाही की अनुमति दी गई थी, को दिशानिर्देशों से हटाया जा रहा है. हालांकि, इस आदेश को पलटने की वजह तत्काल पता नहीं चल पाई है.
हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि सरकार ने ऐसा कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑल इंडिया ट्रे़डर्स (सीएआईटी) सहित विभिन्न व्यापारी समूहों के दबाव में किया है.
सीएआईटी ने 18 अप्रैल को सरकार को पत्र लिखकर कहा था एक ऐसे समय में जब स्थानीय व्यापारियों को गैर-आवश्यक सामग्रियों को बेचने की मंजूरी नहीं दी जा रही है तब ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को ऐसा करने की अनुमति देना व्यापार असंतुलन पैदा करेगा और ई-कॉमर्स कंपनियों को छूट देने के सरकार के फैसले से व्यापारिक समुदाय काफी निराश था.
रविवार के आदेश के बाद सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक ट्वीट में कहा, “भारत के सात करोड़ व्यापारी ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर-आवश्यक वस्तुओं का व्यापार करने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पूरी का आभार व्यक्त किया.
वहीं, बीते शनिवार को कांग्रेस ने सरकार पर लॉकडाउन के दौरान देश के खुदरा व्यापारियों के साथ अन्याय का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए.
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने आवश्यक सेवाओं से जुड़े गृह मंत्रालय के एक आदेश का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि ई-वाणिज्य कंपनियों द्वारा गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री करने पर रोक नहीं लगाई गई है जो आम खुदरा व्यापारियों के हितों के खिलाफ है.
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवादाताओं से कहा, ”इस सरकार ने खुदरा व्यापारियों के साथ अन्याय किया है. उसने ई-वाणिज्य कंपनियों को गैर जरूरी वस्तुओं का व्यापार करने पर रोक नहीं लगाई. इस पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए.”
माकन के मुतबिक लॉकडाउन से सबसे ज्यादा छोटे एवं खुदरा व्यापारी प्रभावित हैं.
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि खुदरा व्यापारियों से बिजली बिल से जुड़ा ‘फिक्स्ड चार्ज’ नहीं लिया जाए, संपत्ति कर की अभी वसूली नहीं हो और उन्हें वित्तीय मदद दी जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)