महाराष्ट्र: दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या, नौ नाबालिगों सहित 100 से अधिक गिरफ्तार

मामला महाराष्ट्र के पालघर जिले का है. महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी पालघर जिले के विक्रमगढ़ तालुका के स्थानीय आदिवासी हैं. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने दावा किया कि गांव वालों ने तीनों पीड़ितों को चोर समझ लिया था.

(फोटो: गूगल मैप)

मामला महाराष्ट्र के पालघर जिले का है. महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी पालघर जिले के विक्रमगढ़ तालुका के स्थानीय आदिवासी हैं. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने दावा किया कि गांव वालों ने तीनों पीड़ितों को चोर समझ लिया था.

(फोटो: गूगल मैप)
(फोटो: गूगल मैप)

मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की चोरी की अफवाह में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

रिपोर्ट के अनुसार, 16 अप्रैल की शाम को फोर्ड इकोस्पोर्ट से जा रहे तीन लोगों पर पालघर में एक भीड़ ने हमला कर दिया और हत्या कर दी. पालघर पुलिस का दावा है कि तीनों व्यक्ति पश्चिमी मुंबई के कांदिवली से सिल्वासा जा रहे थे. इस दौरान जब वे एक गांव से गुजरे तब उन पर करीब 70-80 लोगों ने हमला कर दिया.

पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी पालघर जिले के विक्रमगढ़ तालुका के स्थानीय आदिवासी हैं. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने दावा किया कि गांव वालों ने तीनों पीड़ितों को चोर समझ लिया था.

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें एक भीड़ पीड़ितों को पुलिस वैन से बाहर घसीट रही थी और डंडो-पत्थरों से पीट रही थी. इस दौरान वहां मौजूद कुछ पुलिसवाले उन्हें बचाने के बजाय खुद बचते नजर आ रहे थे.

तीन पीड़ितों में से दो 70 वर्षीय कल्पवृक्ष गिरी और 35 वर्षीय सुशील गिरी गोसावी खानाबदोश जनजाति से संबंधित हैं और वाराणसी के ‘श्री पंच दशनम जूना अखाड़ा’ से जुड़े थे. तीसरे व्यक्ति की पहचान नीलेश तल्गाड़े के रूप में की गई है, जो कि कार का चालक था.

तीनों एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कांदिवली से सिलवासा जा रहे थे लेकिन इस दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के कारण रास्ते बंद होने से वे राष्ट्रीय राजमार्ग से छोटे, भीतरी गलियों के रास्ते जा रहे थे.

पालघर पुलिस ने घटना के सिलसिले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 9 आरोपी किशोर हैं. पालघर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि वयस्क आरोपियों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और किशोर बच्चों को एक निगरानी गृह भेज दिया गया है.

अधिकतर गिरफ्तार आरोपी पालघर जिले के दहानू तालुका के गडचिंचल गांव के हैं.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को कहा कि उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. देशमुख ने इस इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की भी चेतावनी दी है.

देशमुख ने ट्वीट किया, ‘सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है.’

देशमुख ने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं.

देशमुख ने कहा, ‘पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे.’

इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने रविवार को घटना की कडे शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि अगर हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की गयी तो महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदोलन किया जाएगा.

प्रयागराज में प्रवास कर रहे अखाडा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रहमलीन संत को समाधि देने जाते साधु-संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर दो साधुओं की कथित हत्या कर दी थी.

उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाडा परिषद ने अपना विरोध जता दिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.

महंत गिरी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अखाडा परिषद हरिद्वार में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएगी.

उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि यदि सरकार ने हत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाडे बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदालन का शंखनाद करेंगे. उन्होंने भक्तों से लॉकडाउन में बह्रमलीन हुए किसी साधु को समाधि देने जाते समय सीमित संख्या में ही जाने की अपील की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)