समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक ख़बर में इराक़ सरकार पर आरोप लगाया था कि वह कोरोना वायरस को लेकर सही आंकड़े पेश नहीं कर रही है.
बगदाद: इराक ने इस महीने की शरुआत में कोरोना वायरस मामलों पर एक खबर को लेकर समाचार एजेंसी रॉयटर्स का लाइसेंस रद्द कर दिया था, लेकिन अब उसे काम पर लौटने की इजाजत दे दी है. एजेंसी ने रविवार को यह जानकारी दी.
एजेंसी के काम पर रोक तीन अप्रैल की उस खबर को लेकर लगाई थी जिसमें उसने कई सूत्रों के हवाले से कहा था कि सरकार कोरोना वायरस मामलों पर सही-सही जानकारी नहीं दी रही है और असल में देश में संक्रमितों की संख्या हजारों में है.
इराक उस वक्त संक्रमित लोगों की संख्या सैकड़ों में बता रहा था. समाचार एजेंसी पर 2.5 करोड़ इराकी दिनार यानी करीब 20,800 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था.
रविवार को एक समाचार में एजेंसी ने बताया कि उसे देश के मीडिया नियामक इराकी संचार एवं मीडिया आयोग ने सूचित किया है कि यह रोक इसलिए हटाई जा रही है ताकि मीडिया पारदर्शी तरीके से काम कर सके.
रॉयटर्स ने कहा कि वह मामले को सुलझाने के लिए इराकी अधिकारियों और संचार एवं मीडिया आयोग के प्रयासों की सराहना करता है.
इराक के राष्ट्रपति बारहम सलेह ने पिछले हफ्ते सीएनएन से कहा था कि उनका कार्यालय रोक हटाने के लिए काम कर रहा है.
आधिकारिक स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इराक में 1,539 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. वायरस के कारण कम से कम 82 लोगों की मौत हुई है और 1,009 लोग स्वस्थ हुए हैं.