पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लॉकडाउन मानदंडों के क्रियान्वयन का आकलन करने के लिए भेजी गई अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल को भेजे जाने का आधार मांगा है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 को लेकर मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य स्थानों पर हालात ‘विशेष रूप से गंभीर’ हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस और फैलने का खतरा है.
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए घोषणा की है कि छह अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के इन चिह्नित स्थानों पर अगले तीन दिन में दौरा करेंगे तथा मौके पर स्थिति का आकलन कर केंद्र को रिपोर्ट देकर उपाय सुझाएंगे.
इन चार राज्यों को रविवार को जारी एक समान आदेशों में गृह मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा, सामाजिक दूरी बनाए रखने का पूर्णतया उल्लंघन और शहरी इलाकों में वाहनों की आवाजाही के कई मामले सामने आए हैं जिन्हें रोका जाना चाहिए.
इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने किस आधार पर अपने दल तैनात करने की बात कही है, वह अस्पष्ट है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आकलन के आधार साझा करने को कहा, जिसके बिना उनकी सरकार ‘आगे कोई कदम नहीं उठा पाएगी’.
बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘हम कोविड-19 संकट से निपटने के सभी रचनात्मक समर्थन और सुझावों का स्वागत करते हैं, विशेषकर केंद्र सरकार के….. हालांकि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत केंद्र सरकार किस आधार पर पश्चिम बंगाल सहित भारत के कई जिलों में आईएमसीटी स्थापित कर रही है, यह स्पष्ट नहीं है.’
बनर्जी ने कहा, ‘मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी से इस संबंध में जानकारी साझा करने का आग्रह करती हूं. तब तक मुझे संदेह है कि हम आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिना किसी ठोस तर्क के यह संघवाद की भावना के खिलाफ होगा. ’
I urge both Honb’le Prime Minister @NarendraModi Ji & Home Minister @AmitShah Ji to share the criterion used for this. Until then I am afraid, we would not be able to move ahead on this as without valid reasons this might not be consistent with the spirit of federalism. (2/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 20, 2020
गृह मंत्रालय ने कहा कि कुछ जिलों में लॉकडाउन के नियमों में कई बार उल्लंघन की खबरें मिली हैं जिससे कोविड-19 के फैलने का गंभीर खतरा है. इन उल्लंघनों में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले, बैंकों, सरकारी राशन की दुकानों के बाहर तथा बाजारों में सामाजिक दूरी के नियमों का पूरी तरह उल्लंघन, शहरी इलाकों में निजी तथा व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही आदि शामिल हैं.
मंत्रालय ने कहा कि अति प्रभावित जिलों में या हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहे स्थानों पर अगर इन घटनाओं को होने दिया गया तो ये इन जिलों की आबादी के लिए तथा देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संबंधी खतरा पैदा कर देंगी.
गृह मंत्रालय ने कहा कि मध्य प्रदेश के इंदौर, महाराष्ट्र के मुंबई एवं पुणे, राजस्थान के जयपुर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कालिमपोंग तथा जलपाईगुड़ी में हालात ‘विशेष रूप से गंभीर’ हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 543 हो गई है और इससे संक्रमित लोगों की संख्या 17,265 हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायरस से 4,203 लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 223 लोगों की मौत हो गई है. मध्य प्रदेश में संक्रमण के कुल 1,407 मामलों में से 70 लोगों की मौत हो गई है. राजस्थान में संक्रमण के कुल 1,478 मामले सामने आए हैं जिनमें से 14 लोगों की मौत हो गई है और पश्चिम बंगाल में संक्रमण के कुल 339 मामलों में से 12 लोगों की मौत हो गई है.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के नाते इन आदेश पर दस्तखत किये हैं.
आदेशों में यह भी कहा गया है कि छह अंतर-मंत्रालयीन केंद्रीय दल इन अति-प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और मौके पर जाकर इन स्थानों पर कोविड-19 को लेकर हालात का जायजा लेंगे. जिसके बाद चारों राज्यों को आवश्यक निर्देश जारी किये जाएंगे. ये दल आम जनता के व्यापक हित में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगे.
पांच सदस्यीय प्रत्येक दल की अगुवाई केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘आईएमसीटी बंद के नियमों के अनुसार दिशा-निर्देशों के पालन एवं क्रियान्वयन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारी, स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा, जांच किट, पीपीई, मास्क तथा अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता और श्रमिकों एवं गरीबों के लिए स्थापित राहत शिविरों में हालात पर गौर करेंगी.’
आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन दलों को नयी दिल्ली से संबंधित स्थानों तक जाने और लौटने की व्यवस्था नागर विमानन मंत्रालय करेगा.
राज्य सरकारें इन आईएमसीटी के ठहरने, स्थानीय स्तर पर परिवहन, पीपीई और अन्य सुविधाएं प्रदान करेंगी.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु समेत देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर हमले की खबरें सामने आई हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए 24 मार्च को 14 अप्रैल तक बंद की घोषणा की थी जिसे बाद में तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)