पुलिस ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली की सीमा अंतर्गत आने वाले मोती दमन पुलिस थाने में 21 अप्रैल को पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
दमन: कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार के निर्देशों के बावजूद ड्यूटी पर नहीं लौटने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
गोपीनाथन ने पिछले वर्ष अगस्त में केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली के ऊर्जा विभाग के सचिव पद से इस्तीफा दे दिया था.
पुलिस ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली की सीमा अंतर्गत आने वाले मोती दमन पुलिस थाने में 21 अप्रैल को गोपीनाथन के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस निरीक्षक लीलाधर मकवाना ने कहा कि सरकारी आदेश की अवहेलना के कारण गोपीनाथन आईपीसी की धारा 188 का भी सामना कर रहे हैं.
केरल मूल के गोपीनाथन ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 के कई प्रावधानों को निरस्त किए जान के बाद लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी का हनन करने का आरोप लगाते हुए पिछले साल 21 अगस्त को सेवा से इस्तीफा दे दिया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘कार्मिक विभाग के अधीक्षक एचएच कांबले की शिकायत के आधार पर कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर ड्यूटी पर नहीं लौटने के चलते गोपीनाथन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.’
एफआईआर दर्ज किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपीनाथन ने ट्वीट कर लिखा, ‘एक और एफआईआर. ट्यूटी पर वापस नहीं लौटने के लिए? ऐसा लग रहा है.’
गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, इतनी बेचैनी? मैंने आठ महीने पहले इस्तीफा दिया था. इसके बावजूद मैं खुले दिन से इस संकट में जहां जरूरत हो वहां वालंटियर करने के लिए तैयार हूं…मैं एक बार फिर से आपको यह बताना चाहता हूं. मैं आईएएस में शामिल नहीं हो रहा हूं. समझ रहे हैं ना?’
Ah! Another FIR. For not resuming duty(?) it seems
Come on @AmitShah! This desperate? I resigned like 8 months back.
Though I wholeheartedly volunteer to serve wherever I am required in this crisis, let me tell you this again,
NOT REJOINING IAS! Got it?https://t.co/kUpgXlmoey
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) April 24, 2020
केंद्र शासित प्रशासन ने नौ अप्रैल को गोपीनाथन को पत्र लिखकर ड्यूटी पर वापस लौटने को कहा था क्योंकि उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया गया है. तब गोपीनाथन ने ड्यूटी पर लौटने से इंकार करते हुए इसे प्रताड़ना करार दिया था.
My reply to the Govt.
It has been almost 8 months now since my resignation. Only thing the Govt knows is harassment. Of people & of officers. I know that they want to harass me further. But still, I offer to volunteer for the govt in these difficult times. But not rejoining IAS. pic.twitter.com/8yMT5s06gP
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) April 9, 2020
उन्होंने कहा था कि सरकार उनकी सेवा नहीं बल्कि गुलामी चाहती है. यह सरकार केवल लोगों और अधिकारियों को प्रताड़ित करना जानती है.
हालांकि, उन्होंने ड्यूटी पर वापस लौटने से इनकार करते हुए कोरोना वायरस महामारी के दौरान एक वालंटियर के रूप में अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)