राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी केंद्रीय सतर्कता आयुक्त नियुक्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय चयन समिति ने फरवरी में राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी के नाम की अनुशंसा की थी. उस समय कांग्रेस ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के लिए अपनाई प्रक्रिया को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ बताया था और फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की थी.

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी. (फोटो: पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय चयन समिति ने फरवरी में राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी के नाम की अनुशंसा की थी. उस समय कांग्रेस ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के लिए अपनाई प्रक्रिया को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ बताया था और फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की थी.

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी. (फोटो: पीटीआई)
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी को शनिवार को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति भवन से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई.

देश की भ्रष्टाचार रोधी सर्वोच्च संस्था केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के प्रमुख का पद के. वी. चौधरी का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछले साल जून से रिक्त था.

विज्ञप्ति के अनुसार, ‘राष्ट्रपति भवन में सुबह साढ़े दस बजे आयोजित एक समारोह में संजय कोठारी ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के तौर पर शपथ ली.’ विज्ञप्ति में बताया गया कि उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष पद की शपथ ली.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय चयन समिति ने फरवरी में कोठारी के नाम की अनुशंसा की थी. उस समय कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के लिए अपनाई प्रक्रिया को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ बताया था और फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की थी.

समिति में विपक्षी सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई थी.

चौधरी ने कहा था कि सीवीसी की नियुक्ति के लिए पीएमओ द्वारा मुहैया कराए गए दस्तावेजों से सर्च कमेटी के भीतर ही अनियमितताओं का खुलासा होता है. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में है क्योंकि चयन समिति के एक सदस्य- वित्त सचिव राजीव कुमार- ने इस पद के लिए आवेदन भी किया था और उन्हें सर्च कमेटी द्वारा सीवीसी पद के लिए शॉर्टलिस्ट भी किया गया था.

राजीव कुमार शॉर्टलिस्ट किए गए 126 सदस्यों में से एक थे और अंतत: विपक्षी सदस्यों द्वारा आपत्ति जताए जाने पर उन्हें इस दौड़ से बाहर किया गया.

इसके साथ ही चौधरी ने सीआईसी की नियुक्ति के तरीके पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार ने उम्मीदवारों का विवरण चयन समिति को पहले से उपलब्ध नहीं कराया. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया को ‘एक खाली कागजी औपचारिकता’ में बदल दिया गया.

कोठारी की नियुक्ति से सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच अब वाकयुद्ध बढ़ सकता है.

उनकी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए फरवरी में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के लिए फिर से आवेदन आमंत्रित करते हुए नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने की मांग की थी.

हरियाणा कैडर के 1978 बैच के आईएएस अधिकारी कोठारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव पद से जून 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे. उन्हें नवंबर 2016 में लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) का प्रमुख नियुक्त किया गया था.

कोठारी को जुलाई 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सचिव पद पर नामित किया गया.

इस बीच, केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रपति के सचिव के तौर पर कपिल देव त्रिपाठी को नियुक्त किया. असम-मेघालय कैडर के 1980 बैच के आईएएस (सेवानिवृत्त) अधिकारी त्रिपाठी पीईएसबी के अध्यक्ष हैं.

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश पर करते हैं जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं और गृह मंत्री तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता इसके सदस्य होते हैं.

सीवीसी प्रमुख का कार्यकाल चार वर्ष का या इसके मौजूदा प्रमुख की 65 वर्ष की आयु होने तक का होता है. सीवीसी में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और दो सतर्कता आयुक्त हो सकते हैं.

वर्तमान में सतर्कता आयुक्त शरद कुमार अंतरिम केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के तौर पर काम कर रहे हैं. कोठारी की नियुक्ति के बाद भी आयोग में सतर्कता आयुक्त का एक पद रिक्त है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)