अमेरिका: भारत वापसी की इच्छा रखने वालों से भारतीय दूतावास ने संपर्क करना शुरू किया

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार देशभर में 3 मई तक लागू लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खाड़ी देशों एवं अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के पोतों के बेड़े के अलावा सैन्य एवं वाणिज्यिक विमानों को तैनात करने की वृहद योजना पर काम कर रही है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार देशभर में 3 मई तक लागू लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खाड़ी देशों एवं अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के पोतों के बेड़े के अलावा सैन्य एवं वाणिज्यिक विमानों को तैनात करने की वृहद योजना पर काम कर रही है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

वाशिंगटन: अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने उन भारतीय नागरिकों से संपर्क करना शुरू किया है जो कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के बाद घर वापस लौटने की इच्छा रखते हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार देशभर में 3 मई तक लागू लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खाड़ी देशों एवं अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के पोतों के बेड़े के अलावा सैन्य एवं वाणिज्यिक विमानों को तैनात करने की वृहद योजना पर काम कर रही है, जिसके बाद दूतावास ने यह कदम उठाया है.

इससे पहले सरकार ने 10 अप्रैल को कहा था कि कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के बाद विदेशों में फंसे भारतीय लोगों को लाने संबंधी विचार पर निर्णय लिया जाएगा.

विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव दम्मू रवि ने कहा, ‘विदेश में रह रहे भारतीय लोगों के बारे में कुछ सवाल आए हैं. ऐसी स्थिति है जहां हम कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकते हैं क्योंकि वहां अब भी लॉकडाउन है. हमें स्थिति की समीक्षा करनी होगी…यह सरकार का फैसला होगा कि हम अन्य देशों से भारतीय लोगों की वापसी का प्रबंध कैसे करेंगे?’

इसके लिए पहले चरण की शुरुआत संभवत: खाड़ी देश, ब्रिटेन और यूरोप के अन्य हिस्सों से होगी. इसके बाद यूरोप और अमेरिका के बारे में विचार किया जाएगा.

खाड़ी देशों में करीब 80 लाख भारतीय रहते हैं और कोरोना वायरस के कारण उनकी आजीविका को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि इस क्षेत्र की तेल आधारित अर्थव्यवस्था इस वैश्विक महामारी के कारण चरमरा गई है.

वहीं, सरकार ने कई राज्यों से पहले ही कह दिया है कि वे बहु-एजेंसियों की भागीदारी वाले इस अभियान के तहत स्वदेश लाए जाने वाले भारतीयों के लिए आवश्यक प्रबंध करें.

सूत्रों ने बताया कि नागर विमानन मंत्रालय ने अभियान की योजना बना रहे कोर समूह से कहा है कि वह अभियान के लिए मालवाहक सहित करीब 650 वाणिज्यिक विमानों में से अधिकतर को उपलब्ध कराने के लिए तैयार है.

उन्होंने बताया कि नौसेना और भारतीय वायु सेना से भी इस अभियान के लिए अपने कुछ संसाधनों को तैयार रखने को कहा गया है.

ऐसा माना जा रहा है कि ‘ऑपरेशन राहत’ के बाद यह सबसे बड़ा अभियान होगा. ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत भारत 2015 में संघर्ष ग्रस्त यमन से 41 देशों के नागरिकों समेत 6,700 लोगों को वापस लाया था.

नौसेना ने इस अभियान के लिए आईएनएस जलाश्व और दो अन्य पोतों को चिह्नित किया गया है. आईएनएस जलाश्व तलाश एवं बचाव अभियान के अलावा महत्वाकांक्षी अभियानों को पूरा करने में सक्षम है. वह 1,000 लोगों को लाने की क्षमता रखता हैं.’

सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना भी इस अभियान के लिए अपने कई विमानों को तैयार कर रही है. यह अभियान लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आरंभ किया जाएगा.

लॉकडाउन तीन मई को समाप्त होगा. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाएगी या नहीं.

अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को भारतीय सामुदायिक संगठनों और हाल में संपर्क किए गए लोगों को ईमले भेजना शुरू किया. हालांकि अभी यात्रा के संबंध में कोई तारीख नहीं तय की गई है.

वैसे लोग जो घर वापस जाना चाहते हैं, वे https://indianembassyusa.gov.in/Information_sheet1 पर पंजीकरण करा सकते हैं.

अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने एक ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय अमेरिकी समुदाय ने इस कठिन समयों में नेतृत्व दिखाया है और उनकी सेवा की भावना सराहनीय है. वे हमारे नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए दूतावास और वाणिज्य दूतावास के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.’

हालांकि, अमेरिका में फंसे भारतीय लोगों की कुल संख्या को लेकर भी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है.

ऐसा कहा जा रहा है कि इसमें कई छात्र हैं. यहां विश्वविद्यालय पूरे सत्र के लिए बंद है. इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जो थोड़े समय के लिए यहां आए थे और जिनके पास पैसा समाप्त हो चुका है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)