लॉकडाउन: राजस्थान से वापस मध्य प्रदेश आए तीन मज़दूरों की ट्रक के कुचलने से मौत

कोरोना वायरस के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन से बेरोज़गार हुए ये मज़दूर सरकार द्वारा बसों से राजस्थान के जैसलमेर शहर से मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर लाए गए थे.

(फोटो: पीटीआई)

कोरोना वायरस के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन से बेरोज़गार हुए ये मज़दूर सरकार द्वारा बसों से राजस्थान के जैसलमेर शहर से मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर लाए गए थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में उन्हेल-मोहनपुरा मार्ग पर बुधवार तड़के एक तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क किनारे सो रहे एक महिला सहित तीन मजदूरों को कुचल दिया. लॉकडाउन से बेरोजगार हुए ये मजदूर सरकार द्वारा बसों से जैसलमेर (राजस्थान) से उज्जैन लाए गए थे और यहां से दूसरे वाहन से अपने गांव मोहनपुरा की ओर जा रहे थे.

भैरोगढ़ पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक जयशी राम बर्डे ने बताया कि 12 मजदूरों का एक समूह बसों द्वारा जैसलमेर राजस्थान से वापस उज्जैन लौटा था. ये मजदूर उज्जैन से अपने गांव मोहनपुरा एक अन्य वाहन से जा रहे थे लेकिन मोहनपुरा से 20-25 किलोमीटर दूर इन्होंने रात में सड़क किनारे सोने का फैसला किया.

बर्डे ने बताया कि ट्रक की चपेट में आए मृतक तीनों मजदूर सड़क किनारे सो रहे थे जबकि नौ अन्य मजदूर सड़क से थोड़ा दूर सो रहे थे जिससे उनकी जान बच गई.

उन्होंने बताया कि बुधवार तड़के तीन बजे एक तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क किनारे सो रहे इन तीनों मजदूरों को कुचल दिया जिससे इनकी मौत हो गयी.

उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान विक्रम (55), बद्री बंजारा (35) और धूलीबाई (55) के रूप में हुई है. तीनों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंप दिए गए हैं.

बर्डे ने बताया कि आरोपी ट्रक चालक घटना के बाद ट्रक छोड़कर फरार हो गया. पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ भादंवि धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) का मामला दर्ज किया है.

उज्जैन कलेक्टर ने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

दैनिक भास्कर के मुताबिक मृतक बद्री बंजारा के भाई सुरेश ने बताया 14 मजदूरों को जैसलमेर से बस लेकर उज्जैन आई लेकिन 20 किलोमीटर दूर चककमेड़ गांव के पास उतारकर बस वाला चला गया.

उन्होंने बताया कि वहां से सभी मजदूर पैदल आरडी गार्डी अस्पताल पहुंचे और कोरोना जांच कराई. उसके बाद सभी पैदल गांव जा रहे थे, लेकिन दिव्यांग भूलीबाई चल नहीं पा रही थीं.

सुरेश ने बताया कि रात के 12:30 बज रहे थे, इसलिए भुलीबाई के पति विक्रम ने कहा कुछ घंटे यहीं पर सो जाते हैं. सभी मजदूर सड़क किनारे लेट गए थे. रात करीब 3 बजे इंदौर की ओर से आ रहे ट्रक तीनों मजदूरों को कुचल दिया.

 

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)