निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के मुख्य विमान परिचालन अधिकारी ने ईमेल के ज़रिये जानकारी दी कि लॉकडाउन में जो पायलट मालवाहक विमानों से उड़ान भर रहे हैं, उन्हें उड़ान के घंटों के हिसाब से वेतन मिलेगा.
नई दिल्ली: निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने पायलटों को सूचना दी है कि अप्रैल और मई के लिए उन्हें कोई वेतन नहीं मिलेगा. वहीं मालवाहक विमानों का परिचालन कर रहे पायलटों को उड़ान के घंटों के आधार पर भुगतान किया जाएगा.
कंपनी के मुख्य विमान परिचालन अधिकारी गुरचरण अरोड़ा ने पायलटों को ईमेल करके यह जानकारी दी. उन्होंने लिखा मौजूदा वक्त में हमारे 16 प्रतिशत विमान और 20 प्रतिशत पायलट ही उड़ान भर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम अपने पांच मालवाहक विमानों और यात्री विमानों से माल ढुलाई (कारगो ऑन सीट) करके यह उड़ानें भर रहे हैं.’
स्पाइस जेट के बेड़े में 116 यात्री विमान और पांच मालवाहक विमान शामिल हैं.
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन (बंद) है. इसके चलते सभी वाणिज्यिक यात्री विमानों के परिचालन पर रोक है.
अरोड़ा ने कहा, ‘हमें (पायलटों को) अप्रैल-मई 2020 के लिए कोई वेतन नहीं मिलेगा. जो पायलट मालवाहक विमानों की उड़ान भर रहे हैं, उन्हें उड़ान के घंटों के हिसाब से वेतन मिलेगा.’
उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में हम अपने विमानों का परिचालन 50 प्रतिशत तक (मालवाहक और यात्री विमानों से मालवहन) और उड़ान भरने वाले पायलटों की संख्या 100 प्रतिशत तक करेंगे.
बता दें कि एयरलाइंस कंपनियों के वैश्विक संगठन इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने पहले ही चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के कारण भारत के विमानन और उससे जुड़े क्षेत्रों में 20 लाख से अधिक नौकरियों को खतरा है.
आईएटीए में 290 एयरलाइंस कंपनियों का संगठन है. इसमें एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो और स्पाइसजेट भी शामिल हैं.
अप्रैल की शुरुआत में एयर इंडिया ने अपने करीब 200 अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंध निलंबित कर दिए थे, जिन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा नियुक्त किया गया था.
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है. इसके साथ ही मार्च के आखरी सप्ताह से रेल और हवाई समेत सभी यातायात सेवाएं बंद हैं.