लॉकडाउन: यूएई में डेढ़ लाख से अधिक भारतीयों ने घर लौटने के लिए कराया पंजीकरण

संयुक्त अरब अमीरात में पंजीकरण कराने वाले एक लाख 50 हजार से अधिक भारतीयों में से एक चौथाई ऐसे हैं, जो अपनी नौकरी गंवाने के बाद स्वदेश लौटना चाहते हैं. आवेदकों में गर्भवती महिलाएं एवं बीमार लोग भी शामिल हैं.

(फोटो: रॉयटर्स)

संयुक्त अरब अमीरात में पंजीकरण कराने वाले एक लाख 50 हजार से अधिक भारतीयों में से एक चौथाई ऐसे हैं, जो अपनी नौकरी गंवाने के बाद स्वदेश लौटना चाहते हैं. आवेदकों में गर्भवती महिलाएं एवं बीमार लोग भी शामिल हैं.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात में एक लाख 50 हजार से अधिक भारतीयों ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन के बीच घर लौटने के लिए ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया के तहत भारतीय मिशनों में आवेदन दिया है. मीडिया में आई खबरों में इसकी जानकारी दी गई है.

भारतीय मिशनों ने कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के कारण यहां फंसे तथा घर लौटने के इच्छुक भारतीयों के लिए पिछले सप्ताह ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू किया था.

भारत के महावाणिज्य दूत विपुल ने शनिवार को गल्फ न्यूज को बताया, ‘शनिवार की शाम छह बजे तक हमने एक लाख 50 हजार से अधिक पंजीयन प्राप्त किए हैं.’ उन्होंने बताया कि उनमें से एक चौथाई ऐसे हैं जो अपनी नौकरी गंवाने के बाद स्वदेश लौटना चाहते हैं.

खलीज टाइम्स की रविवार की एक खबर के अनुसार पंजीयन कराने वाले करीब 40 फीसदी आवेदक श्रमिक हैं जबकि बीस प्रतिशत पेशेवर हैं.

वाणिज्य दूतावास के प्रेस अधिकारी नीरज अग्रवाल के हवाले से खबर में कहा गया है, ‘अनुमानत: 20 प्रतिशत आवेदकों की नौकरी जा चुकी है जबकि 55 फीसदी अकेले केरल से हैं.’ अग्रवाल ने कहा कि इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है क्योंकि उन्हें उम्मीद है बिहार, उत्तर प्रदेश एवं तेलंगाना जैसे प्रदेशों के श्रमिक भी पंजीयन कराएंगे.

उन्होंने बताया कि करीब दस फीसदी आवेदक ऐसे हैं जो यात्रा एवं पर्यटक वीजाधारी हैं, जो भारत में जारी लॉकडाउन के कारण यहां फंस गए हैं.

कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन भारत में सरकार ने चार मई से दो हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया है.

अग्रवाल ने बताया कि आवेदकों में गर्भवती महिलाएं एवं बीमार लोग भी शामिल हैं. जब से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया की शुरूआत हुई है, बड़ी तादाद में लोगों के वापस लौटने के लिए पंजीयन कराने के कारण वाणिज्य दूतावास की वेबसाइट कई-कई बार क्रैश हो चुकी है.

मालूम हो कि खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की मांग कई दिनों से उठाई जा रही है. यूके, इरान और अन्य खाड़ी देशों में फंसे छात्रों, कामगारों, मजदूरों और मछुआरों को वहां से निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं हैं.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने खाड़ी देशों से भारतीयों को वापस लाने की मांग वाली कांग्रेस सांसद एमके राघवन की याचिका पर केंद्र से कहा कि वे याचिकाकर्ता द्वारा इन देशों में फंसे भारतीयों की देखभाल के लिए दिए गए सुझावों पर विचार करें.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)