ये ट्रेनें हैदराबाद, खम्मम, वारंगल समेत अन्य स्टेशनों से चलाई जाएंगी. इनके जरिये बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के प्रवासी मज़दूरों को उनके घर भेजा जाएगा.
हैदराबादः तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव का कहना है कि राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए मंगलवार से अगले एक हफ्ते तक रोजाना 40 विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाई जाएंगी.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, ये ट्रेनें हैदराबाद के विभिन्न स्थानों और वारंगल, खम्मम, रामागुंडम, दमारचला व अन्य जगहों से बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं अन्य राज्यों के लिए चलेंगी.
मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूरों के समक्ष समस्याओं को ध्यान में रखते हुए समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया.
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री एटाला राजेंद्र, मुख्य सचिव सोमेश कुमार, डीजीपी महेंद्र रेड्डी और अन्य ने भी हिस्सा लिया.
मुख्यमंत्री राव ने फैसला किया कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जानी चाहिए.
उन्होंने साउथ सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक गजानन माल्या से बात कर उनसे मंगलवार से विशेष ट्रेनें चलाए जाने का अनुरोध किया है.
सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संदीप सुल्तानिया और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जितेंद्र रेड्डी को प्रवासी मजदूरों की ट्रेन यात्रा की निगरानी रखने के लिए बतौर नोडल अधिकारी नियुक्त किया.
मजदूरों ने पहले ही अपने-अपने घर लौटने के लिए विभिन्न पुलिस थानों में अपने नाम पंजीकृत करा लिए हैं, जिन भी लोगों ने अपने नाम पंजीकृत कराए हैं, उन्हें इन विशेष ट्रेनों के जरिए उनके घर भेजा जाएगा.
उन्होंने कहा कि ट्रेनों की जानकारियां पुलिस थानों में दे दी गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को उग्र नहीं होना चाहिए क्योंकि तेलंगाना सरकार ने उनकी घर वापसी के लिए ट्रेनों का इंतजाम किया है.
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मजदूरों से समन्वय करें और उन्हें व्यवस्थाओं से अवगत कराएं.
मालूम हो कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में लाखों प्रवासी कामगार फंसे हुए हैं.
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्रेनों और बसों के जरिए उनके आने जाने की मंजूरी कुछ खास शर्तों पर दी थी, जिसमें भेजने और गंतव्य वाले राज्यों की सहमति, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन आदि शामिल है.
गृह मंत्रालय की इस मंजूरी के बाद रेल मंत्रालय ने मजदूर दिवस के मौके पर एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलानी शुरू की हैं.