विदेश में फंसे भारतीयों को लाने की प्रकिया सात मई से होगी शुरू: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि उन्हें ही वापस लाया जाएगा, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे. कहा गया है कि विमान और पोत द्वारा यात्रा का प्रबंध किया जाएगा और इसका ख़र्च यात्रियों को वहन करना होगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स

गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि उन्हें ही वापस लाया जाएगा, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे. कहा गया है कि विमान और पोत द्वारा यात्रा का प्रबंध किया जाएगा और इसका ख़र्च यात्रियों को वहन करना होगा.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली/कोच्चि/वॉशिंगटन/दुबई: विदेश में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस आने में केंद्र सरकार उनकी सहायता करेगी और यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से सात मई से शुरू होगी.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि केवल उन लोगों को वापस आने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं.

वक्तव्य में कहा गया कि विमान और पोत द्वारा यात्रा का प्रबंध किया जाएगा और इसका खर्च यात्रियों को वहन करना होगा.

मंत्रालय ने कहा कि भारत आने के बाद सभी यात्रियों की चिकित्सा जांच की जाएगी और इसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा.

मंत्रालय ने कहा, ‘विदेश में फंसे भारतीयों को वापस आने में भारत सरकार उनकी सहायता करेगी. बहुत आवश्यक होने पर ही उन्हें स्वदेश आने की अनुमति दी जाएगी और यह चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत किया जाएगा.’

मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है और भारतीय दूतावास और उच्चायोग फंसे हुए नागरिकों की सूची बना रहे हैं.

मंत्रालय ने कहा, ‘यात्रियों को यात्रा का खर्च वहन करना होगा. वाणिज्यिक उड़ान द्वारा उन्हें लाया जाएगा.’

साथ ही मंत्रालय ने कहा कि विमान में सवार होने से पहले यात्रियों की चिकित्सा जांच की जाएगी और केवल उन्हें यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं होंगे.

यात्रा के दौरान उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी नियमों का पालन करना होगा. गृह मंत्रालय ने कहा, ‘गंतव्य पर पहुंचने के बाद सभी को आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण करवाना होगा.’

वक्तव्य में कहा गया, ‘सभी की चिकित्सा जांच की जाएगी. जांच के बाद उन्हें 14 दिन के लिए राज्य सरकार द्वारा पृथक-वास में रखा जाएगा. इस दौरान उन्हें अपना खर्च वहन करना होगा.’

चौदह दिन बाद कोविड-19 की जांच की जाएगी और स्वास्थ्य नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. विदेश मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जल्दी ही वेबसाइट पर जानकारी साझा की जाएगी.

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि यह प्रक्रिया खाड़ी से शुरू होने की संभावना है, जहां लगभग आठ मिलियन (80 लाख) भारतीय रह रहे हैं और काम कर रहे हैं.

दो विशेष उड़ानों से शुरू होगा भारतीयों को यूएई से निकालना

कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बृहस्पतिवार को दो विशेष उड़ानों का परिचालन किया जाएगा. दुबई में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने यह घोषणा की है.

सोमवार को जारी एक बयान में बताया गया कि अबु धाबी से कोच्चि और दुबई से कोझिकोड तक की इन दो उड़ानों के लिए यात्रियों की सूची पर अंतिम निर्णय दुबई में भारतीय दूतावास और भारतीय महावाणिज्य दूतावास लेंगे.

बयान में कहा गया कि यह सूची दूतावास या महावाणिज्य दूतवास के डेटाबेस में मौजूद पंजीकरणों के आधार पर बनाई जाएगी. इस आशय के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया कुछ दिनों पहले शुरू की गई थी.

बयान के मुताबिक, प्राथमिकता संकट में फंसे श्रमिकों, बुजुर्गों, आवश्यक चिकित्सा मामलों, गर्भवती महिलाओं के साथ ही कठिन परिस्थिति में फंसे अन्य लोगों को दी जाएगी.

इसमें कहा गया, ‘विमान यात्रा के लिए टिकट की कीमत और भारत पहुंचने के बाद पृथक-वास केंद्र में रखने की जरूरत और स्वास्थ्य संबंधी जांच समेत अन्य शर्तों की जानकारी कुछ समय में दी जाएगी और प्रत्येक यात्री को इसे स्वीकार करना होगा.’

बयान में कहा गया कि हवाई टिकट केवल उन्हीं लोगों के लिए जारी किए जाएंगे जिनके नाम दूतावास या महावाणिज्य दूतावास द्वारा बनाई गई यात्री सूची में होंगे.

इसमें कहा गया कि दूतावास आने वाले दिनों में भारत जाने वाली अन्य उड़ानों के ब्योरे भी उपलब्ध कराएगा और उन विमानों में भी यात्री सूची के नामों पर अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया यही रहेगी.

बयान में कहा गया कि वापस जाने के लिए करीब 2,00,000 पंजीकरण कराए गए हैं इसलिए सभी लोगों को इन विमानों में जगह दे पाने में समय लगेगा.

बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात में एक लाख 50 हजार से अधिक भारतीयों ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन के बीच घर लौटने के लिए ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया के तहत भारतीय मिशनों में आवेदन दिया है.

देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भी बीते एक मई को कहा था कि सशस्त्र बल खाड़ी के देशों और अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को स्वदेश वापस लाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. सेना ने मिशन के लिए विमान और नौसैनिक जहाजों को तैयार रखा है.

मालदीव और यूएई से भारतीयों को निकालने के लिए तीन पोत भेजे गए: रक्षा अधिकारी

भारत ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिये नौसेना के तीन पोत भेजे हैं. रक्षा प्रवक्ता ने मंगलवार सुबह यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि मुंबई तट पर तैनात आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर को सोमवार रात मालदीव के लिए रवाना किया गया है.

प्रवक्ता ने कहा कि आईएनएस शार्दुल को प्रवासियों को निकालने के लिये दुबई भेजा गया है.

उन्होंने कहा कि तीनों पोत लौटकर कोच्चि आएंगे.

आईएनएस मगर और आईएनएस शार्दुल नौसेना की दक्षिणी कमान के पोत हैं जबकि आईएनएस जलाश्व नौसेना की पूर्वी कमान का पोत है.

अमेरिका से भारतीयों को निकालने के लिए इस हफ्ते से विशेष उड़ानें

कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गए वैश्विक यात्रा प्रतिबंधों की वजह से अमेरिका में फंसे हजारों भारतीयों को निकालने के लिए विशेष उड़ानों के सैन फ्रांसिस्को और अन्य शहरों से इस हफ्ते रवाना होने की संभावना है.

अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल किसी तारीख की घोषणा नहीं की गई है. विशेष विमान सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, शिकागो और वाशिंगटन डीसी से उड़ान भर सकते हैं.

कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों की वजह से अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों और लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए आने वाले हफ्तों में उड़ानों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है.

अमेरिका में भारतीय दूतावास और महावाणिज्य दूतावासों ने पिछले हफ्ते स्वदेश लौटने की योजना बनाने वाले भारतीयों की सूची बनाना शुरू की थी. यह फेहरिस्त ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से बनाई जा रही है.

पिछले कुछ हफ्तों में कई भारतीयों ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से संपर्क कर अपनी परेशानियां बताई थीं. साथ में दूतावास द्वारा स्थापित हेल्पलाइन पर भी फोन किया था और जल्द स्वदेश लौटने की मांग की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)