इटली को पीछे करते हुए ब्रिटेन यूरोप का पहला देश बन गया, जिसने कोरोना वायरस के संक्रमण से 30 हज़ार से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि की है. आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में रोज़ाना 20,000 से अधिक लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो रही है और हर दिन 1,000 से अधिक लोग कोरोना वायरस के कारण मारे जा रहे हैं.
नई दिल्ली/न्यूयॉर्क/लंदन/बीजिंग: देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 126 लोगों की मौत हो जाने के बाद इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,694 हो गई है और संक्रमण के 2,958 नए मामले सामने के साथ ही संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 49,391 हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से 13,160 मरीज ठीक हो गए हैं और एक रोगी देश से बाहर जा चुका है. कोविड-19 से संक्रमित 33,514 मरीजों का इलाज चल रहा है.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अब तक करीब 28.71 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं.’
कुल मामलों में 111 विदेश नागरिक भी शामिल हैं.
मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार शाम से अब तक कुल 111 मरीजों की जान गई है. इनमें से गुजरात में 49, महाराष्ट्र में 34, राजस्थान में 12, पश्चिम बंगाल में सात, उत्तर प्रदेश में तीन, पंजाब एवं तमिलनाडु में दो-दो और कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश में एक-एक मरीज की मौत हुई है.
देश में कोविड-19 से हुई 1,694 मौतों में से सबसे ज्यादा 617 लोगों की जान महाराष्ट्र में गई है. इसके बाद गुजरात में 368, मध्य प्रदेश में 176, पश्चिम बंगाल में 140, राजस्थान में 89, दिल्ली में 64, उत्तर प्रदेश में 56 और आंध्र प्रदेश में 36 मरीजों ने दम तोड़ा है.
तमिलनाडु में मृतक संख्या 33 तक पहुंच गई है, जबकि तेलंगाना में 29 लोगों की संक्रमण ने जान ली है. कर्नाटक में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 29 हो गई है.
पंजाब में कोरोना वायरस से हुई मौतों की संख्या 25 है, जम्मू कश्मीर में आठ और हरियाणा में छह मरीजों की जान इस संक्रमण ने ली है. केरल और बिहार में चार-चार रोगियों की मौत हुई है.
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में तीन लोगों की मौत हुई. मेघालय, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड और असम में एक-एक मरीज की मौत हुई है.
मंत्रालय के बुधवार सुबह के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में हैं, जहां 15,525 लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं. इसके बाद गुजरात में 6,245, दिल्ली में 5,104, तमिलनाडु में 4,058, राजस्थान में 3,158 मध्य प्रदेश में 3,049 और उत्तर प्रदेश में 2,880 लोग संक्रमित हुए हैं.
आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1,717 हो गए हैं और पंजाब में 1,451 लोग संक्रमित हैं. पश्चिम बंगाल में 1,344 लोग संक्रमित पाए गए हैं.
तेलंगाना में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,096, जम्मू कश्मीर में 741, कर्नाटक में 671, हरियाणा में 548 और बिहार में 536 हो गई है.
केरल में कोरोना वायरस के 502 मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा में 175 मामले हैं. झारखंड में 125 और चंडीगढ़ में 111 लोग संक्रमित हुए हैं.
उत्तराखंड में 61 मामले सामने आए हैं जबकि छत्तीसगढ़ में 59, असम में 43 और हिमाचल प्रदेश में 42 और लद्दाख में 41 मामले सामने आए हैं.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 33 मामले हैं.
त्रिपुरा में 43, मेघालय में 12 और पुडुचेरी में नौ मामले हैं जबकि गोवा में कोविड -19 के सात मामले सामने आए हैं.
मणिपुर में दो मामले सामने आए हैं और मिजोरम, दादर एवं नगर हवेली तथा अरुणाचल प्रदेश में एक-एक मामला सामने आया है.
अमेरिका में न्यूयॉर्क के बाहर बढ़ रही है संक्रमण की दर
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने की दिशा में न्यूयॉर्क में हुई प्रगति को यदि न गिना जाए, तो आंकड़े दर्शाते हैं कि अमेरिका इस बीमारी से निपटने को लेकर गलत दिशा में आगे बढ़ रहा है. दरअसल, न्यूयॉर्क के अलावा अमेरिका में अन्य स्थानों पर संक्रमण की दर बढ़ रही है.
अमेरिका की जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार अमेरिका में प्रतिदिन 20,000 से अधिक लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो रही है और प्रतिदिन 1,000 से अधिक लोग इस बीमारी के कारण मारे जा रहे हैं.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कई स्थानों में लोगों के संक्रमित होने की दर को नीचे नहीं ला पाने के कारण हजारों की संख्या में अभी और लोगों की मौत हो सकती है, क्योंकि लोगों को अब बाहर निकलने और कारोबार फिर से खोलने की अनुमति मिल गई है.
कंसास में शावनी काउंटी के स्वास्थ्य विभाग की निदेशक लिंडा ओच ने कहा, ‘कोई गलती मत कीजिए. यह संक्रमण अब भी हमारे समुदाय में फैल रहा है, संभवत: पहले के हफ्तों से भी अधिक तेजी से फैल रहा है.’
अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण से न्यूयॉर्क सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और देश में हुई 70,000 लोगों की मौत में से कम से कम एक तिहाई लोग यहीं मारे गए हैं.
न्यूयॉर्क में अब भी लॉकडाउन जारी है. यदि न्यूयॉर्क को भी शामिल करके आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो अमेरिका में संक्रमण की दर कम होती दिखाई देती है.
समाचार एजेंसी ‘एपी’ के विश्लेषण के अनुसार हर पांच दिन में सामने आने वाले नए मामलों की दर तीन सप्ताह पहले प्रति एक लाख लोगों पर 9.3 प्रतिशत से कम होकर सोमवार को 8.6 प्रतिशत हो गई है.
यदि न्यूयॉर्क को इस विश्लेषण से बाहर कर दिया जाए तो अमेरिका में संक्रमण के नए मामलों की दर बढ़ी है. यह समान अवधि में प्रति एक लाख पर 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो गई है.
लॉस एंजिलिस के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में जन स्वास्थ्य अनुसंधानकर्ता डॉ. जुओ फेंग झांग ने बताया कि अमेरिका में जांच की दर बढ़ी है और संभवत: इसके कारण भी संक्रमण के नए मामलों की दर बढ़ी है, लेकिन इसका एकमात्र कारण जांच बढ़ना ही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यह बढ़ोतरी जांच के कारण नहीं है. यह दर वास्तव में बढ़ी है.’
आयोवा और कंसास में शावनी काउंटी में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
अमेरिका के कुछ राज्यों ने देश में लाखों लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और हजारों लोगों की मौत के बावजूद लॉकडाउन की पाबंदियों को हटाना शुरू कर दिया है, क्योंकि उनका मानना कि इससे लाखों लोगों की नौकरियां जा रही हैं.
वॉशिंगटन में उच्चतम न्यायालय ने टेलीफोन से जिरह सुनी और पहली बार पूरी दुनिया में इसे सुनने की अनुमति दी गई. मार्च के बाद पहली बार सीनेट की बैठक हुई, जबकि नए राहत पैकेज पर त्वरित निर्णय नहीं लिया जा सका.
अमेरिका के दक्षिण डैकोटा में सूअर के मांस के प्रसंस्करण संयंत्र को फिर से खोलने के लिए कदम उठाया गया है. यहां 800 से अधिक कर्मचारी वायरस से संक्रमित हो गए थे.
कैलिफोर्निया के गवर्नर गाविन न्यूसोम ने घोषणा की कि कुछ उद्योग प्रतिबंधों के साथ शुक्रवार से खुलना शुरू हो जाएंगे.
यूरोप में महामारी का केंद्र बना ब्रिटेन, मौत का आंकड़ा इटली से ज़्यादा हुआ
ब्रिटेन मंगलवार को यूरोप का पहला देश बन गया जिसने कोरोना वायरस के संक्रमण से 30 हजार से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि की, जबकि रूस में संक्रमण के नये मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है.
कई अन्य देशों ने संक्रमण की गति को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है. चीन में यह तीसरा हफ्ता है जब कोविड-19 से कोई मौत नहीं हुई हैं. वहीं, दक्षिण कोरिया में पेशेवर बेसबॉल खेल सत्र की शुरुआत हुई.
ब्रिटेन और इटली
ऐसा लग रहा है कि ब्रिटेन ने कोविड-19 से मौतों के मामले में अब तक यूरोप में सबसे अधिक प्रभावित रहे इटली को भी पीछे छोड़ दिया है.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 से ब्रिटेन के अस्पतालों, नर्सिंग होम और अन्य स्थानों पर 30 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि इटली ने अपने यहां 29,315 लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत की रिपोर्ट दी है.
दोनों देशों के आंकड़ों को कमतर कर दिखाया गया है, क्योंकि इनमें केवल उन मौतों को शामिल किया गया है, जिनमें कोविड-19 होने की पुष्टि हुई थी.
हाल तक इटली और ब्रिटेन के नर्सिंग होम में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस से संक्रमण की जांच नहीं हो रही थी. ब्रिटेन के संख्यिकी विभाग द्वारा मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से 30 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
इस आंकड़े में उन लोगों की मौतों को भी शामिल किया गया, जिनके कोविड-19 होने की आशंका थी.
सांख्यिकी विभाग के 24 अप्रैल तक के आंकड़ों में मौतों की संख्या सरकार के आंकड़ों से एक तिहाई तक अधिक है. इटली में इस तरह के तुलनात्मक आंकड़े उपलब्ध नहीं है.
इटली में संक्रमण के 213,013 मामले, जबकि ब्रिटेन में 196,243 केस दर्ज किए गए हैं.
इटली ने दो महीने में पहली बार इस हफ्ते 44 लाख लोगों को काम पर जाने की अनुमति दी और लोगों की व्यक्तिगत आवाजाही पर लगी पाबंदी में भी रियायत दी. यहां वैज्ञानिकों ने मंगलवार को चेतावनी दी कि सरकार संक्रमण के नए दौर के लिए तैयार रहे.
ला रिपब्लिका अखबार से इटली के सुपीरियर इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में संक्रामक रोग के प्रमुख ने कहा आने वाले हफ्ते निश्चित तौर पर यह देखने के लिए प्रयोग होगा कि लॉकडाउन में ढील से संक्रमण पर क्या असर होता है.
प्रमुख डॉ. जियोवन्नी रेजा ने कहा, ‘हम महामारी से मुक्त नहीं हुए हैं. हम अब भी इसका सामना कर रहे हैं. मैं नहीं चाहता कि लोग सोचें कि अब खतरा नहीं है और सामान्य जीवन की ओर लौट जाएं.’
अन्य यूरोपीय देशों के विपरीत ब्रिटेन में अब भी लॉकडाउन है और मंगलवार को मोबाइल ऐप का परीक्षण शुरू हुआ जिसकी मदद से प्रशासन संक्रमण को रोकने की कोशिश करेगा. यह ऐप नजदीक में संक्रमित व्यक्ति के होने पर चेतावनी देगा.
इसका परीक्षण इंग्लैंड के दक्षिणी तट स्थित आइल ऑफ वाइट पर किया गया. सरकार को उम्मीद है कि इस महीने के उत्तरार्ध में वह इस ऐप को पूरे देश में लांच कर देगी.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जल्द ही लॉकडाउन से निकलने की योजना पेश करेंगे जो 23 मार्च को लागू किया गया था और बृहस्पतिवार तक प्रभावी है.
आलोचकों का आरोप है कि कोविड-19 से संक्रमण जब फैलना शुरू हुआ तब जॉनसन की कंजर्वेटिव सरकार ने बहुत धीमी कार्रवाई की.
आलोचकों के मुताबिक, जॉनसन सरकार संक्रमण के लक्षण वालों की जांच कर संक्रमण को फैलने से रोकने में असफल हुई, इसके बाद वह संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगा पृथक करने में भी नाकाम हुई.
उनका कहना है कि दक्षिण कोरिया और जर्मनी सहित जिन देशों ने यह किया वहां पर ऐसा नहीं करने वाले देशों के मुकाबले कम मौतें हुईं.
ब्रिटिश सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वाल्लेंस ने मंगलवार को स्वीकार किया कि अगर हम जांच क्षमता तेजी से बढ़ाने में कामयाब होते तो वह फायदेमंद होता.
स्पेन, फ्रांस और जर्मनी
स्पेन में मौत का आंकड़ा 25,613 हो गया है, जबकि 219,319 मामले संक्रमण के दर्ज किए जा चुके हैं. फ्रांस में संक्रमण के मामले 170,694 हो चुके हैं और मरने वालों की संख्या बुधवार तक 25,537 हो चुकी थी.
वहीं कई यूरोपीय देशों ने कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में गिरावट के बाद सख्त लॉकडाउन में ढील दी है और वे कड़ाई से इस पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं.
जर्मनी के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के प्रमुख लोथर विलेर ने मंगलवार को कहा, ‘हम जानते हैं कि इसकी बहुत संभावना है कि वायरस से संक्रमण का दूसरा दौर आएगा. अधिकतर वैज्ञानिक इसको लेकर निश्चित हैं और कई मानते हैं कि संक्रमण का तीसरा दौर भी आएगा.’
जर्मनी में संक्रमण के 167,007 मामले सामने आए हैं और 6,993 लोगों की मौत हो चुकी है.
फ्रांस में वैज्ञानिकों ने अध्ययन में कहा कि उन्होंने दिसंबर में सामने आए कोरोना वायरस के संभावित मामले की पहचान की है यानी यूरोप में आधिकारिक रूप से पुष्टि किए गए पहले मामले से करीब एक महीने पहले की.
अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि अधूरे चिकित्सा दस्तावेज के आधार पर पीछे जाकर किया गया यह अध्ययन रोचक तो है लेकिन यूरोप में कोविड-19 का मामला पहले सामने का आने का निर्णायक सबूत नहीं.
रूस
रूस में संक्रमण के नए मामलों में एक बार फिर तेजी देखी गई है. मॉस्को में लगातार तीन दिनों में दस हजार से अधिक मामले आए हैं. इस देश में संक्रमण के 155,370 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि यहां 1,451 लोगों की मौत हो चुकी है.
दक्षिण कोरिया
कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ सफल लड़ाई लड़ने के लिए चर्चित दक्षिण कोरिया में कोविड-19 के केवल दो नए मामले दर्ज किए गए, जो 18 फरवरी के बाद सबसे कम है.
कोरिया रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (केसीडीसी) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस जानलेवा संक्रमण के कुल 10,806 मामले आए और 255 लोगों की मौत हुई.
केसीडीसी ने कहा कि दोनों नए मामले हवाई अड्डे पर जांच के दौरान सामने आए और स्थानीय संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है.
दक्षिण कोरिया में विदेश से आने वाले लोगों के लिए दो दिन का पृथकवास अनिवार्य कर दिया गया है.
देश में मामले कम आने के साथ ही सरकार ने सामाजिक दूरी के नियमों में ढील दी और स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है.
इसकी शुरुआत 13 मई को उच्च विद्यालयों को खोलने से होगी लेकिन मंगलवार को सबसे अहम बात रही यहां बेसबॉल खेल सत्र की शुरुआत. खेल के आयोजन में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं थी. चीयर्सलीडर ने खाली सीटों के सामने नृत्य किया और अम्पायर मास्क पहने दिखे.
यह कोरोना वायरस की महामारी के बाद पहला प्रमुख पेशेवर खेल आयोजन है, जिसका प्रसारण प्रशंसकों के लिए पूरी दुनिया में किया गया. कोरिया बेसबॉल संगठन ने अन्य सुरक्षात्मक उपाय अपनाए हैं, जिनमें स्टेडियम में प्रवेश करने से पहले खिलाड़ियों और उनके कोच के शरीर के तापमान की जांच शामिल है.
अमेरिका का सबसे बड़ा बेसबॉल लीग अभी यह योजना बना रहा है कि अपने खेल सत्र के लिए क्या किया जाए. अमेरिकी खेल चैनल ईएसपीएन ने कोरियाई बेसबॉल संगठन के सत्र में हर सप्ताह छह मैच प्रसारित करने के लिए करार किया है.
यह सत्र मंगलवार को दाइगू सैमसंग लायन्स और चांगवोन के एनसी दिनोस के मैच के साथ शुरू हुआ. इस मैच में दिनोस ने चार शून्य से जीत दर्ज की. दक्षिण कोरिया में शुक्रवार को बिना दर्शकों के पेशेवर फुटबॉल लीग की भी शुरुआत होगी.
चीन
चीन में लगातार तीन हफ्ते से कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से किसी की मौत नहीं हुई. बता दें कि चीन से ही पिछले साल महामारी की शुरुआत हुई. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चीन में कोविड-19 का मात्र एक नया मामला सामने आया है और महज 400 लोगों का अभी इलाज चल रहा है.
चीन में कोरोना वायरस के दो नए मामलों की पुष्टि हुई है और संक्रमण के 20 नए ऐसे मामले आए, जिनमें कोई लक्षण नहीं थे. इसके बाद बिना लक्षण वाले मामलों की संख्या बढ़कर 960 के पार हो गई है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को चीन की मुख्य भूमि में कहीं भी कोविड-19 का स्थानीय तौर पर संचरण का कोई मामला सामने नहीं आया.
उसने बताया कि चीन के शान्शी प्रांत में बाहर से आए दो लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
एनएचसी ने बताया कि कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले 20 मामले मंगलवार को रिपोर्ट हुए. इन में विदेश से आए तीन लोग भी शामिल हैं.
इसी के साथ ही बिना लक्षण वाले मामलों की संख्या बढ़कर 967 हो गई है.
बिना लक्षण वाले मामले वे होते हैं, जिनमें रोगी को बुखार, खांसी, गले में तकलीफ आदि कुछ नहीं होता है, लेकिन वह जांच करने पर कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है. उनसे दूसरों में बीमारी के प्रसार का खतरा रहता है.
एनएचसी ने बताया कि कोरोना वायरस से चीन में 4,633 लोगों की मौत हुई है. चीन में संक्रमण के कुल 82,883 मामले रिपोर्ट हुए हैं जिनमें से 339 मरीजों का इलाज चल रहा है. 77,911 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
एनएचसी ने कहा कि चीन की मुख्यभूमि पर किसी और शख्स के जान गंवाने की रिपोर्ट नहीं है.
एशिया-प्रशांत के अन्य क्षेत्र
एशिया-प्रशांत के अन्य क्षेत्रों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता मिली है. इनमें हांगकांग, ताईवान, वियतनाम, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं, जहां दो दिनों से संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है.
हालांकि भारत जैसे कुछ देशों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और विशेषज्ञों का कहना है कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश में महामारी अभी अपने चरम पर नहीं पहुंची है.
सिंगापुर में कोरोना वायरस संक्रमण के 632 नए मामले
सिंगापुर: सिंगापुर में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 632 नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 20,198 तक पहुंच गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि नए मामलों में सिर्फ नौ ही सिंगापुर के नागरिक या स्थायी निवासी (विदेशी) हैं. देश में इस वायरस से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है.
राष्ट्रीय विकास मंत्री लॉरेंस वोंग ने संसद से कहा कि सिंगापुर सरकार जांच क्षमता बढ़ा रही है. संचार एवं सूचना मंत्री एस. ईश्वरन ने मंगलवार को सामुदायिक शयनगृहों (डॉरमिट्री) में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों की चिंताओं को दूर किया. इन श्रमिकों पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हैं और उनकी लगातार जांच हो रही है.
सोमवार तक डॉरमिट्री में रह रहे 323,000 प्रवासी श्रमिकों में से 16,383 संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से बड़ी संख्या में भारतीय हैं. ईश्वरन ने कहा कि उन्होंने चार भारतीय हस्तियों अभिनेता रजनीकांत, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, संगीतकार एआर रहमान और अभिनेता कमल हासन ने उन्हें शुभेच्छाएं भेजी हैं. रहमान ने प्रवासी लोगों से सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है.
श्रीलंका में 750 से अधिक मामले, अधिकतर नौसैनिक संक्रमित
कोलंबो: श्रीलंका में कोरोना वायरस से संक्रमित जिन 548 लोगों का इलाज जारी है, उनमें से 327 नौसैन्यकर्मी एवं अधिकारी हैं.
अधिकारियों ने बताया कि इनके 1,008 रिश्तेदारों को पृथक भी किया गया है. द्वीपीय राष्ट्र में बुधवार तक कोविड-19 के कुल 771 मामले सामने आए हैं और नौ लोगों की जान गई है.
श्रीलंका में कोविड-19 रोकथाम प्रणाली के प्रमुख एवं सेना प्रमुख जनरल शिवेन्द्र सिल्वा ने मंगलवार को कहा, ‘सोमवार देर रात को देश में 33 नए मामले सामने आए है. इनमें से 31 नौसैनिक हैं, जिनका नाता वेलिसारा शिविर से है. अन्य दो इनके सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए हैं.’
ऐसा संदेह है कि कोलंबो के पास वेलिसारा शिविर के अधिकारी छापेमारी के दौरान एक मादक पदार्थ तस्कर के सम्पर्क में आए जो वायरस से संक्रमित था और इस कारण यहां वायरस फैल गया. नौसैनिकों के छुट्टियों पर जाने के कारण वायरस और फैला.
सिल्वा ने बताया कि मध्य मार्च से 752 मामले सामने आए हैं. इनमें से 194 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
सेना प्रमुख ने बताया कि नौसेना कर्मचारियों के 1,008 रिश्तेदारों को पृथक किया गया है. वहीं उत्तर पश्चिमी क्षेत्र कुरुनेगला में सोमवार को 72 वर्षीय संक्रमित महिला की मौत हो गई. यह महिला भी एक संक्रमित नौसैनिक की रिश्तेदार थी.
इस बीच, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने गुट निरपेक्ष आंदोलन (नैम) के ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में कहा कि पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षणों में केवल तीन प्रतिशत लोग संक्रमित मिले हैं और श्रीलंका में कोविड-19 की मृत्यु दर भी एक प्रतिशत से कम है.
नैम 120 विकासशील देशों का समूह है.
नेपाल में मामले बढ़कर 82 हुए
काठमांडू: नेपाल में कोरोना वायरस से संक्रमण के सात नए मामले सामने आये हैं, जिससे देश में इसके मामले बढ़कर 82 हो गए हैं. यह जानकारी स्वास्थ्य प्राधिकारियों ने मंगलवार को दी.
नेपाल उन देशों में शामिल है, जहां कोरोना वायरस के मामले कम हैं.
स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम नेपाल के नेपालगंज में कोविड-19 के सात नए मामले सामने आने के साथ ही देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 82 हो गए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि नए मामलों की पुष्टि मंगलवार को नेपालगंज स्थित भेरी अस्पताल प्रयोगशाला में की गई जांच से हुई. देश में अब तक कोविड-19 के 16 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं और 66 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है.
पुलिस ने कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के एहतियाती कदम के तौर पर मंगलवार से बृहस्पतिवार तक कर्फ्यू लागू किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)