केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि दिनचर्या में हाथ धोने, सांस संबंधी और पर्यावरण स्वच्छता की आदतें ‘बुरे वक्त में मिला वरदान’ हैं, इन्हें बरकरार रखने की जरूरत है.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने मंगलवार को कहा कि भारत अब तक कोविड-19 के सामुदायिक प्रसार को रोकने में कामयाब रहा है. साथ ही हर्षवर्धन ने उम्मीद जतायी कि कोरोना वायरस संकट के कारण लोगों की ‘आदत में जो बदलाव आया है’, वह इस महामारी की रोकथाम के बाद एक स्वस्थ समाज के लिए ‘नया सामान्य आचरण’ होगा.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि अगर भारतीय अपनी दिनचर्या में हाथ धोने, सांस संबंधी और पर्यावरण स्वच्छता की आदत को बरकरार रखते हैं, तो कोरोना वायरस संकट के समाप्त होने के बाद, भविष्य में जब देश महामारी के इस काल को देखेगा तो इन आदतों को वह ‘बुरे वक्त में मिला वरदान’ मान सकता है.
लॉकडाउन के महत्व पर जोर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की तरह ही स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘सरकार को संतुलनकारी कार्य करना पड़ेगा.’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को कोविड-19 के मामले बेहद तेजी से बढ़कर 46,433 तक पहुंच गए जो एक दिन पहले ही 42,836 मामले थे. एक ही दिन में संक्रमण के 3,597 नए मामले सामने आए. मृतकों की संख्या 1,389 थी जो बढ़कर 1,568 हो गई.
हर्षवर्धन ने कहा, ‘एक बार जैसे ही वायरस की मार कम होगी और संकट खत्म होगा तो लोग, इस दौर में अपनाई गई अच्छी आदतों को, बुरे समय में मिले वरदान की तरह याद कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि अब तक भारत खुद को कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार के चरण में जाने से रोकने में कामयाब रहा है.
हर्षवर्धन ने कहा, ‘अब तक हम जान चुके हैं कि कोरोना वायरस से निपटना आसान नहीं है. इस बुरे समय में जिस तरह हम हाथ धोने, सांस संबंधी और साफ-सफाई आदि मानकों का बेहतर तरीके से पालन कर रहे हैं, अगर इसे समाज अपनी आदत में शामिल रखता है तो यह एक नया सकारात्मक बदलाव होगा.’
उन्होंने जोर दिया कि स्वच्छता की ऐसी आदतों से भविष्य में भी संचारी रोगों के प्रसार में कमी आएगी. मंत्री ने कहा कि चेचक और पोलियो की तरह अन्य विषाणुजनित संक्रमण को देश से पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका है. अन्य बीमारियां अब भी हैं. उन्होंने संकेत दिया कि कोविड-19 का संक्रमण भी लंबे समय तक रह सकता है.
हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण उपजे हालात को स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य उपकरणों के उत्पादन में इजाफा होने के अवसर के तौर पर भी देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों जैसे पीपीई किट और एन-95 मास्क के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है. साथ ही परीक्षण सुविधाओं में भी खासी वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, इस महामारी को महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर अधिक मांग वाली ऐसी वस्तुओं के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है, जिससे भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी.’
सोमवार से शराब की बिक्री शुरू होने के बाद इसकी खरीद को लेकर उमड़ी भीड और सामाजिक नियमों के उल्लंघन को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमें हर फैसले पर निष्पक्षता से विचार करना होगा और उसके लागू होने से पहले ही इसके असर का अंदाजा लगाना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी न हो.’
उन्होंने कहा कि देश में मामलों की दोहरीकरण दर में नियमित सुधार दिखाई दे रहा है और 25 मार्च को लागू लॉकडाउन से पहले तीन दिन में संक्रमण के मामलों में दोगुनी बढ़ोतरी की दर अब 12 दिन हो गई है.
उन्होंने देश में मरीजों के स्वस्थ होने की दर को लेकर भी संतुष्टि जाहिर की. देश में अब तक 27.40 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि करीब 80 फीसदी मरीज सहायक उपचार से ठीक हो चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)