महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ जिलों में कोरोना वायरस मरीजों की अधिक मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दोनों राज्यों से कहा कि वे प्रारंभिक निगरानी, संपर्कों का तेजी से पता लगाने और शुरू में ही रोग निदान जैसे कदमों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इन क्षेत्रों में मौत के मामलों में कमी आ सके.
अहमदाबाद: कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित अहमदाबाद और सूरत शहर में इसकी रोकथाम के मद्देनजर निगम अधिकारियों ने बुधवार को दूध और दवाइयां बेचने वाली दुकानों को छोड़कर शेष सभी दुकानें एक सप्ताह के लिए बंद रखने का आदेश दिया है. इसके बाद, लोगों में सब्जियां और राशन का सामान खरीदने को लेकर अफरातफरी मच गई.
नगर निगम के प्रभारी मुकेश कुमार के हस्ताक्षर वाले आदेश के मुताबिक, दुकानें सात मई की मध्यरात्रि से 15 मई सुबह छह बजे तक बंद रहेंगी.
आदेश के मुताबिक, दूध और दवा की दुकानें खोली जा सकती हैं जबकि फल, सब्जी और राशन का सामान बेचने वाली समेत सभी दुकानें बंद रहेंगी. हालांकि, इससे पहले लॉकडाउन की अवधि के दौरान फल, सब्जी और राशन की दुकानों को खोलने की अनुमति थी.
निगम प्रमुख विजय नेहरा के 14 दिन के पृथक-वास में जाने के बाद मंगलवार को कुमार को प्रभारी बनाया गया है.
कुमार ने कहा, ‘कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर जनहित में पर्याप्त कदम उठाना जरूरी है.’
इससे पहले, शहर में कई सब्जी विक्रताओं को संक्रमित पाए जाने पर अधिकारियों को इनकी स्क्रीनिंग करने पर मजबूर होना पड़ा था.
वहीं, सूरत में बंदी का आदेश शनिवार से लागू होगा.
सूरत नगर निगम ने अपने आदेश में कहा, ‘कृषि उपज मंडी समिति बाजार, किसानों के लिए नामित सभी क्षेत्रों में सब्जी बाजार, स्वतंत्र सब्जी स्टाल, फलों की दुकानें और किसी भी मोड के माध्यम से सब्जियों और फलों की बिक्री 9 मई से 14 मई तक प्रतिबंधित है.’
बुधवार को गुजरात में कोरोना वायरस के कम से कम 382 मामले सामने आए जिसमें से 291 मामले अकेले अहमदाबाद से थे.
इसके साथ ही गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 6,669 हो गई जिसमें से 4,735 मामले अहमदाबाद में हैं. वहीं, गुजरात में होने वाली कुल 368 मौत में से 298 मामले अहमदाबाद से हैं.
गुजरात, महाराष्ट्र में कोविड-19 से मृत्यु की अधिक दर चिंताजनक: हर्षवर्धन
महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ जिलों में कोविड-19 के मरीजों में अधिक मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को राज्यों से कहा कि वे प्रारंभिक निगरानी, संपर्कों का तेजी से पता लगाने और शुरू में ही रोग निदान जैसे कदमों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इन क्षेत्रों में मौत के मामलों में कमी आ सके.
हर्षवर्धन ने गुजरात के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिनभाई पटेल तथा महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की.
बैठक में हर्षवर्धन ने अत्यंत गंभीर श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के मामलों की स्क्रीनिंग और जांच जैसे उचित कदमों की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि इससे संक्रमण को अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रभावी नियंत्रण रणनीति का क्रियान्वयन राज्यों की शीर्ष प्राथमिकता होना चाहिए. नए मामलों को रोकने के लिए सुव्यवस्थित तरीके से रोग निवारण, पहले पहल और समग्र कदम उठाना तथा केंद्र द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करना समय की आवश्यकता है.’
बैठक में रेखांकित किया गया कि कुछ मामलों में रोगियों ने या तो अपने संक्रमित होने की जानकारी छिपाई या वे उपचार के लिए देरी से अस्पताल पहुंचे. इसकी वजह कोविड-19 को लेकर कोई डर या बदनामी की कोई आशंका हो सकती है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर बदनामी जैसी चीजों को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन अभियान चलाया जाना चाहिए जिससे मामलों की समय पर जानकारी मिलने, चिकित्सीय प्रबंधन और मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में बुधवार सुबह तक आए कोरोना वायरस संक्रमण के 49,391 मामलों और मौत के 1,694 मामलों में से महाराष्ट्र सबसे ऊपर है जहां संक्रमण के 15,525 मामले सामने आए हैं और 617 लोगों की मौत हुई है. वहीं, गुजरात दूसरे नंबर पर है जहां संक्रमण के 6,669 मामले सामने आए हैं और 368 लोगों की मौत हुई है.
महाराष्ट्र और गुजरात में बड़ी संख्या में संक्रमण और मौत के मामलों के चलते हर्षवर्धन ने सुझाव दिया कि निषिद्ध क्षेत्रों में निगरानी टीमों के साथ वार्ड स्तर पर सामुदायिक स्वयंसेवियों की भी पहचान की जानी चाहिए जो हाथ अच्छी तरह धोने और भौतिक दूरी जैसे कदमों के बारे में जागरूकता फैला सकें. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद और पुणे जैसे कुछ जिलों ने यह काम किया है.
हर्षवर्धन ने कहा कि मंत्रालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों को पूरा सहयोग देगा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्र के अधिकारियों वाली अतिरिक्त टीमें भी राज्यों में उनके आग्रह के अनुसार तैनात की जाएंगी.
हर्षवर्धन ने सूचित किया कि कोविड-19 के उपचार से जुड़े डॉक्टर केंद्र तक पहुंचने के लिए देश के किसी भी हिस्से से मोबाइल नंबर (+91 9115444155) पर संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने राज्यों से ‘आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप’ के प्रचार-प्रसार का भी आग्रह किया और कहा कि वे उन लोगों के लिए ‘आरोग्य सेतु इंटरेक्टिव वॉयस रेस्पांस सिस्टम’ सुविधा को भी प्रचारित करें जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)