क़ैदियों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र की नौ केंद्रीय जेलों में कुल 25,745 क़ैदी हैं, जबकि कुल स्वीकृत संख्या 14,491 है. आर्थर रोड जेल में 800 क़ैदियों की क्षमता है लेकिन वहां अभी 2700 से अधिक क़ैदी बंद हैं.
मुंबई: मुंबई की आर्थर रोड जेल के 72 कैदियों और 26 कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. जेल प्रशासन ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इन कैदियों को मुंबई के जीटी अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. इससे पहले गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पालघर जिले में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया था कि जेल के 72 कैदियों के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
देशमुख ने बताया कि मुंबई की आर्थर रोड जेल में 2700 से ज्यादा कैदी हैं. जेल में 77 कैदियों के साथ-साथ 26 कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इन सभी संक्रमित कैदियों को जीटी हॉस्पिटल और सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में पुलिस की निगरानी में भर्ती कराया जाएगा, जबकि स्टाफ के लोगों को भी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘जेल की एक बैरक में कोरोना का केस पाया गया था. इसके बाद जेल के सभी कैदियों और स्टाफ की कोरोना जांच कराई गई. रिपोर्ट में कैदियों के साथ ही जेल कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई.’
लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक एक दिन पहले ही महाराष्ट्र जेल ने बताया था कि नारकोटिक्स ड्रग्स कानून के अंतर्गत गिरफ्तार एक आरोपी कोरोना जांच में पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद गुरुवार को यह घटना सामने आई है.
जेल के दो अन्य स्टाफ जो कि नजदीकी बायकला जेल के गेस्ट हाउस में रुके थे, बीते पांच मई को जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जेल स्टाफ अपने साथ एक कैदी को लेकर जेजे अस्पताल गए थे.
एक अधिकारी ने कहा, ‘कोरोना जांच में कैदी के पॉजिटिव आने के बाद जेजे अस्पताल ने आर्थर रोड जेल से 150 लोगों के सैंपल लिए गए थे, जिसके नतीजे जेल को भेजे गए, जो इस बात की पुष्टि करता है कि यहां के कुछ अन्य लोग भी कोविड-19 से संक्रमित हैं.’
एक आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘आर्थर रोड जेल से फिलहाल जांच के लिए और लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं.’
दूसरी ओर महाराष्ट्र की जेलों में कैदियों के कोरोना वायरस पॉजिटव आने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.
लाइव लॉ के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य में विभिन्न जेलों में बंद अंडरट्रायल कैदियों ने जेलों में कैदियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद महाराष्ट्र सरकार और राज्य द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के सदस्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है.
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि महाराष्ट्र ने 23 मार्च को उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार से छह सप्ताह के लिए पैरोल पर रिहा होने वाले कैदियों की श्रेणियों का निर्धारण करने के लिए उच्च स्तरीय समितियों का गठन करने का निर्देश दिया गया था, जिससे कोविड-19 संक्रमण के मद्देनज़र जेलों में भीड़भाड़ से बचा जा सके.
याचिका में कहा गया है कि राज्य भर की नौ केंद्रीय जेलों में कुल 25,745 कैदी हैं, जबकि कुल स्वीकृत संख्या 14,491 है इसलिए ये जेल पहले से ही भीड़भाड़ वाले हैं. आर्थर रोड में 800 कैदियों की स्वीकृत क्षमता है लेकिन वर्तमान में वहां 2700 से अधिक कैदी बंद हैं.
अवमानना याचिका के अनुसार, चार और कैदी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे, उन्हें यरवडा केंद्रीय कारागार से सतारा जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया.
हालांकि राज्य द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने यह निर्णय लिया था कि केवल 7 वर्ष से कम कारावास की सजा वाले अपराधियों/कैदियों को आपातकालीन पैरोल पर रिहा किया जाएगा, जबकि उन अभियुक्तों को जो मकोका, एमपीआईडी, पीएमएलए, एनडीपीएस, यूएपीए जैसे अधिनियम के तहत जेल में बंद हैं, उन्हें इससे बाहर रखा गया.
राज्य ने बीते 24 अप्रैल को उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उस समय राज्य में जेलों में कोरोना वायरस का कोई मामला नहीं है, क्योंकि उस समय डीजी (जेल) द्वारा पुष्टि की गई थी. कुल 11,000 कैदियों को आपातकालीन पैरोल या अस्थायी जमानत पर रिहा किया जाना था.
हालांकि लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि 4060 कैदी अब तक जमानत पर रिहा हो गए हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा संक्रमण 17,974 हैं. राज्य में सबसे ज्यादा मामले मुंबई में हैं जहां कोरोना वायरस के 10 हजार से ज्यादा मरीज हैं. महाराष्ट्र में 694 लोगों की मौत हुई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)