नेशनल हेराल्ड मामलाः ईडी ने मुंबई में 16.38 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की

ईडी ने कहा कि आरोपियों ने इस इमारत के निर्माण में आपराधिक तरीके से जुटाए गए धन का इस्तेमाल किया है. इस संबंध में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को नोटिस जारी किया गया है.

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोतीलाल वोरा. (फोटो: पीटीआई)

ईडी ने कहा कि आरोपियों ने इस इमारत के निर्माण में आपराधिक तरीके से जुटाए गए धन का इस्तेमाल किया है. इस संबंध में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को नोटिस जारी किया गया है.

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोतीलाल वोरा. (फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोतीलाल वोरा. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रवर्तित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 16.38 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच करने का आदेश जारी किया है.

मुंबई के बांद्रा पूर्व में स्थित एक नौ मंजिला इमारत का एक हिस्सा अटैच करने का आदेश है.

ईडी ने इमारत को अटैच करने का तात्कालिक आदेश जारी किया है और इस संबंध में एजेएल और उसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक व कांग्रेस के नेता मोतीलाल वोरा को नोटिस जारी किए हैं.

मालूम हो कि एजेएल पर गांधी परिवार के सदस्यों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नियंत्रण है और एजेएल समूह नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता है.

इस नौ मंजिला इमारत में दो तहखाने हैं और यह 15,000 वर्ग मीटर में बना हुआ है.

ईडी का कहना है कि आरोपियों ने इस इमारत के निर्माण में आपराधिक तरीके से जुटाए गए धन का इस्तेमाल किया है.

जांच एजेंसी का कहना है कि आरोपियों ने पंचकुला में एजेएल को गैरकानूनी तरीके से आवंटित एक भूखंड को गिरवी रखकर दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित सिंडिकेट बैंक से कर्ज लिया.

कर्ज की राशि से बांद्रा स्थित इमारत का निर्माण किया गया.

मामले के आरोपियों में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और मोतीलाल वोरा शामिल हैं.

एजेंसी ने कहा, ‘इस तरह अपराध की आय से तैयार की गई मुंबई की इस इमारत में 16.38 करोड़ रुपये तक की संपत्ति अटैच की गयी है. आगे की जांच चल रही है.’

ईडी पहले ही पंचकुला स्थित भूखंड को अटैच कर चुकी है. इस मामले में हुड्डा और वोरा से पूछताछ भी की गयी है.

ईडी ने कहा कि पंचकुला के सेक्टर6 में भूखंड सी17 को हरियाणा सरकार ने पहले 1982 में एजेएल को आवंटित किया था.

बाद में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपत्ति अधिकारी ने अक्टूबर 1992 में एक आदेश देकर इस भूखंड को वापस ले लिया था, क्योंकि एजेएल समूह आवंटन के अधिकार पत्र की शर्तों को पूरा नहीं करता था.

एजेंसी ने आरोप लगाया कि हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा ने अपनी आधिकारिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की आवश्यक शर्तों व नियमों के विपरीत 28 अगस्त 2005 को एक नए आदेश के जरिए मूल कीमत तथा ब्याज लेकर 59,39,200 रुपये में फिर से उस भूखंड को एजेएल को आवंटित कर दिया.

ईडी के अनुसार, इस समय पंचकुला की इस संपत्ति की वास्तवित कीमत लगभग 64.93 करोड़ रुपये है.

ईडी का आरोप है कि हुड्डा ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया.

हुड्डा ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और शहरी एवं देहात नियोजन के प्रधान सचिव और वित्त सचिव की कानूनी राय और सिफारिशों को नजरअंदाज कर एजेएल को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया.

एजेंसी ने यह भी कहा कि जांच में पाया गया है कि हुड्डा ने उक्त भूखंड के निर्माण के लिए एजेएल को समय का तीन बार अनुचित रूप से विस्तार दिया.

उन्होंने अधिग्रहण के बाद इसे बेदाग संपत्ति के रूप में संरक्षण दिया और इस एक ही संपत्ति को समय समय पर गिरवी रखकर बैंकों से कर्ज उठाया.

इस मामले में सीबीआई ने भी पंचकुला की एक अदालत में दिसंबर 2018 में आरोपपत्र दायर किया था.

सीबीआई ने भी इस मामले में कथित अनियमितता बरतने को लेकर वोरा और हुड्डा को आरोपी बनाया है.

ईडी ने सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर पंचकुला भूखंड आवंटन को लेकर 2016 में एक आपराधिक मामला दायर किया था.

यह हरियाणा सतर्कता ब्यूरो द्वारा दायर आपराधिक प्राथमिकियों और हरियाणा की भाजपा की राज्य सरकार के अनुरोध पर आधारित था.

नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी. अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी एजेएल के पास था.

आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया. वर्ष 2008 में एजेएल के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया.

कांग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया.

नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 फीसदी शेयर थे जबकि बाकी के 24 फीसदी शेयर अन्य निदेशकों के पास थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)